भारतीय जनता पार्टी ने दिनभर की गहन मंत्रणा के बाद यूपी के 90 में से शेष रहे गए सात जिलों के जिला अध्यक्षों की सूची बुधवार देर रात को जारी कर दी। राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा सभी सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखकर ही जिला अध्यक्षों का चयन कर रही है।
सात जिलों के जिला अध्यक्षों की सूची
जातीय समीकरण का रखा ध्यान
पहली बार है जब अध्यक्षों के चयन में पार्टी उस जातीय समीकरण पर केंद्रित दिख रही है, जिनकी वजहों से अन्य वर्ग पार्टी से दूर हो गए थे। अब तक घोषित आधे से अधिक जिलों में ब्राह्मण, ठाकुर और वैश्य व अन्य जाति के अध्यक्ष बनाए गए हैं।
तीस मई से पहले जिलों की कार्यकारिणी होगी घोषित
दरअसल, भाजपा यह संदेश देने में जुटी है कि अगड़ी और पिछड़ी जातियों के साथ ही दलितों को भी महत्व दिया जाएगा। महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने नवनियुक्त जिलाध्यक्षों को अपनी कमेटी तैयार करने के निर्देश दिए हैं। जिलों की कमेटियों में भी जातीय संतुलन बनाने की प्रक्रिया चल रही है। प्रदेश मुख्यालय से अनुमोदन के बाद तीस मई से पहले जिलों की कार्यकारिणी भी घोषित हो जाएगी।