320 किमी लंबा होगा विंध्य एक्सप्रेस वे
यूपीडा द्वारा प्रस्तावित दो नए एक्सप्रेस वे में से एक, विंध्य एक्सप्रेस वे, 320 किलोमीटर लंबा होगा। यह गंगा एक्सप्रेसवे के अंतिम बिंदु प्रयागराज से शुरू होकर सोनभद्र तक जाएगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 22,400 करोड़ रुपये है। यह एक्सप्रेसवे प्रयागराज, मिर्जापुर,
वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र जैसे जिलों को जोड़ेगा। इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश के करीबी राज्य, जैसे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड से सीधा संपर्क स्थापित होगा। इसके निर्माण से यात्रा का समय लगभग तीन से पांच घंटे तक कम हो जाएगा।
पिछड़े इलाकों में औद्योगिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
विंध्य एक्सप्रेस वे से
मिर्जापुर के मशहूर कालीन, पत्थर के काम, खनन उद्योग और पीतल उद्योग को तेजी से बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, सोनभद्र की खनिज संपदाओं के बेहतर उपयोग और बाजार तक पहुंच में भी दोगुनी तेजी आएगी। यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के पिछड़े इलाकों में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगा। इसके आसपास औद्योगिक विकास क्षेत्र बनाए जाएंगे, जिससे यह इलाका एक नया इंडस्ट्रियल हब बन सकेगा।
पर्यटक के साथ व्यापार में भी होगी वृद्धि
धार्मिक पर्यटन की बात करें तो
विंध्याचल, अष्टभुजा, काली खोह और देवरहा बाबा आश्रम जैसे प्रमुख स्थलों तक पहुंचना आसान और तेज हो जाएगा। इससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, और व्यापार में कम से कम 150% की वृद्धि की उम्मीद है।
7000 करोड़ की लागत से बनेगा लिंक एक्सप्रेस वे
विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस वे, प्रस्तावित विंध्य एक्सप्रेस वे से शुरू होकर चंदौली से गाजीपुर तक बनाया जाएगा। लगभग 100 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस वे की अनुमानित लागत 7000 करोड़ रुपये है। यह लिंक एक्सप्रेसवे विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्रों को पूर्वांचल से सीधे जोड़ेगा, जिससे प्रदेश के दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्रों के विकास को रफ्तार मिलेगी। इसके माध्यम से एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत विंध्य और बुंदेलखंड के उत्पादों के बीच सीधा संपर्क स्थापित होगा। इससे इन उत्पादों को नए बाजार मिलेंगे और अन्य राज्यों तक सप्लाई में 40% तक वृद्धि होने का अनुमान है।
ओडीओपी उत्पादों को मिलेगा एक्सप्रेस वे का फायदा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूपीडा एसीईओ श्रीहरि प्रताप शाही ने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के मुताबिक विंध्य एक्सप्रेस वे और लिंक एक्सप्रेस वे पूर्वांचल के साथ-साथ बुंदेलखंड के जिलों के लिए तरक्की का नया मार्ग बनेंगे। इसका फायदा ओडीओपी उत्पादों को मिलेगा। नया बाजार मिलने से कारोबार बढ़ेगा। साथ ही औद्योगिक कॉरिडोर पिछड़े जिलों को अग्रणी जिलों की श्रेणी में लाने के लिए नए अवसर के रूप में सामने आएंगे।”