पूर्व सीएम के रिश्तेदार हैं अनिल अग्रवाल पूर्व मुख्यमंत्री बाबू बनारसी दास की पोती के साथ अनिल अग्रवाल का विवाह हुआ। वह गाजियाबाद में रहते हैं। बाबू बनारसी दास जनता पार्टी से जुड़े थे, वहीं अखिलेश दास अंतिम समय में कांग्रेस के साथ थ। हालांकि अनिल अग्रवाल ने कांग्रेस का साथ चुनने के बजाए सत्ताधारी बीजेपी का साथ चुनना बेहतर समझा। बता दें कि बीजेपी ने प्रीति महापात्रा को समर्थन देकर साल 2016 में
कपिल सिब्बल की राज्यसभा पहुंचने की राह मुश्किल कर दी थी। ऐसा ही कुछ इस बार भी होने वाला है।
क्रॉस वोटिंग होने का डर बसपा ने पूर्व विधायक भीमराव अंबेडकर को अपना राज्यसभा उम्मीदवार घोषित किया था। सपा और कांग्रेस ने भी बसपा कैंडिडेट को समर्थन का ऐलान किया है लेकिन अनिल अग्रवाल के मैदान में उतरने से बसपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक बसपा सुप्रीमो
मायावती को डर हैं कि कहीं कांग्रेस के कुछ विधायक क्रॉस वोटिंग न करें। ऐसे में दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच बातचीत हुई है जिसके बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने बसपा प्रत्याशी को समर्थन देने की घोषणा की।
बीजेपी ने अन्य उम्मीदवार 1
अरुण जेटली (वित्त मंत्री)
2 डॉ. अशोक बाजपेयी- उत्तर प्रदेश
3 विजयपाल सिंह तोमर- उत्तर प्रदेश
4 सकलदीप राजभर- उत्तर प्रदेश
5 कांता कर्दम- उत्तर प्रदेश
6 डॉ. अनिल जैन- उत्तर प्रदेश
7 जीवीएल नरसिम्हा राव- उत्तर प्रदेश
8 हरनाथ सिंह यादव- उत्तर प्रदेश
यूपी के इन नेताओं की राज्यसभा सदस्यता समाप्त हो रही है जया बच्चन – एसपी -यूपी- अप्रैल 2018
नरेश अग्रवाल -एसपी -यूपी- अप्रैल 2018
किरणमय नंदा- यूपी- एसपी- अप्रैल 2018
चौधरी मुनव्वर सलीम- एसपी- यूपी- अप्रैल 2018
दर्शन सिंह यादव-एसपी-यूपी-अप्रैल 2018
मुनकाद अली – बीएसपी-यूपी- अप्रैल 2018
प्रमोद तिवारी- कांग्रेस यूपी- अप्रैल 2018
आलोक तिवारी- एसपी- यूपी- अप्रैल 2018
विनय कटियार -बीजेपी -अप्रैल 2018
जानें राज्यसभा का गणित यूपी में 403 विधानसभा सीटें हैं। राज्यसभा के चुनाव 10 सीटों के लिए होना है। राज्यसभा चुनाव का फॉर्मूला है= (खाली सीटें + एक) कुल
योग से विधानसभा की सदस्य संख्या से भाग देना। इसका जो जवाब आए उसमें भी एक जोड़ने पर जो संख्या होती है। उतने ही वोट एक सदस्य को राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए चाहिए। यूपी की सदस्य संख्या 403 है। खाली सीट 10+1= 11। 403/ 11= 36.63। 36.63 +1= 37.63। यूपी राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए एक सदस्य को औसतन 38 विधायकों का समर्थन चाहिए।