राज्यपाल ने कहा कि यह सुखद संयोग है कि भिकू रामजी और मैं दोनों महाराष्ट्र से आते हैं तथा दोनों ने सामाजिक क्षेत्र में काम किया है। भिकू रामजी से मेरा पिछले 40 वर्षों से परिचय है। प्रसन्नता की बात है कि केन्द्र सरकार ने भिकू रामजी को बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया है। देश में लगभग 11 करोड़ लोग घुमंतु समुदाय के हैं जिन्हें विकास की मुख्य धारा में जोड़ना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ध्येय वाक्य ‘सबका साथ सबका विकास’ में नई सरकार बनने के नये शब्द ‘सबका विश्वास’ जोड़ा है, जिससे देश में एक नया माहौल बना है। इस प्रकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘जय जवान जय किसान’ नारे में ‘जय विज्ञान’ शब्द जोड़कर अणु परीक्षण किया तो पूरे विश्व में भारत को नई पहचान मिली थी। उन्होंने कहा कि सबके विकास से ही देश का विकास होगा।
राम नाईक ने डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्य तिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये कहा कि डाॅ0 मुखर्जी देश में एक निशान, एक प्रधान और एक विधान के पक्षधर थे। इस बात को लेकर प्रधानमंत्री पं0 नेहरू से मतभेद के कारण उन्होंने मंत्रिमण्डल से त्याग पत्र दे दिया था। वैचारिक मतभेद के कारण डाॅ0 आंबेडकर ने भी मंत्री पद त्याग दिया था। जो अपना इतिहास समझता है वही भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि संविधान में जाति, धर्म का भेद नहीं बल्कि सारे समाज को बराबरी का अधिकार दिया गया है।
भिकू रामजी इदाते ने राज्यपाल के सहयोग के लिये आभार व्यक्त करते हुये कहा कि राज्यपाल से सदैव मार्गदर्शन मिलता रहा है। राम नाईक ने एक आदर्श जनप्रतिनिधि, मंत्री और राज्यपाल की हैसियत से जो भी कार्य किये उसका लेखा-जोखा समाज के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने आयोग की संस्तुति सहित अन्य क्रिया-कलापों पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर आयोग के प्रान्तीय अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण सिंह लोधी ने स्वागत उद्बोधन दिया। राज्यपाल ने कार्यक्रम में डाॅ0 डी0आर0 वर्मा व डी0के0 लोधी द्वारा लिखित पुस्तक ‘नाइंसाफी’ का विमोचन भी किया।