अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के संवाद-सम्पर्क कार्यक्रम के तहत राबटर्सगंज में उन्होंने पूर्व विधायक अविनाश कुशवाहा से वार्ता की। कुशवाहा ने क्षेत्र में श्रमिकों के लिए किए गए राहत कार्यों का ब्यौरा दिया। आजमगढ़ में नफीस अहमद, विधायक से भी उनकी वार्ता हुई। कानपुर में डाॅ0 इमरान से वार्ता की और पार्टी के कार्यकलापों की जानकारी ली। यादव ने सुल्तानपुर में राजमणि यादव और महोबा में योगेन्द्र योगी से भी बात की।
अखिलेश यादव ने सिद्धार्थनगर के बढ़पुर गांव में, जो नेपाल सीमा पर स्थित है, श्री राम जायसवाल, सुनील और जंग बहादुर से सम्पर्क कर स्थानीय समस्याओं और पार्टी के कामकाज की जानकारी हासिल की। अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना संकट के समय पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रवासी मजदूरों और मजबूरों की मदद में समाजवादियों ने अग्रणी भूमिका निभाई है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि तमिलनाडु के कांचीपुरम में संतकबीरनगर के 14 श्रमिक फंसे हुए थे। उनमें से एक मृत्युंजय कुमार ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मदद मांगी। उन्होंने बताया कि उन्हें घर जाने के लिए न तो ट्रेन की सुविधा मिली और न ही उनके खाने पीने की व्यवस्था थी। अखिलेश यादव ने उनकी परेशानी का संज्ञान लेकर तुरन्त बस की व्यवस्था की।
1 जून 2020 को कांचीपुरम से चले श्रमिक जब लखनऊ 3 जून को पहुंचे तो शहीद पथ पर उनका स्वागत उदयवीर सिंह एवं सुनील यादव एमएलसी तथा यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष अनीस राजा ने किया। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से राशन, आर्थिक मदद देने के अलावा भोजन की व्यवस्था की। तमिलनाडु से आए श्रमिकों ने अखिलेश यादव का बहुत धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया और कहा कि वे संकट के समय उनकी मदद को जीवन भर नहीं भूलेंगे। बुरे वक्त में अखिलेश यादव ने भगवान की तरह उनकी मदद की।
इससे पहले अखिलेश यादव ने लगभग 50 मृतक श्रमिकों को 1-1 लाख रूपए की मदद की। गर्भवती एक महिला के सड़क पर प्रसव पर भी उन्होंने तत्काल मदद पहुंचाई। समाजवादी पार्टी ने सरकार से सभी मृतक श्रमिकों के आश्रितों को 10-10 लाख रूपए मदद की मांग की है।