सपा मुखिया और आजमगढ़ से सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि 2022 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी। साथ ही उन्होंने यूपी में होने वाले उपचानावों में भी अकेले लड़ने के संकेत दिए हैं। दोनों पार्टी के नेताअों के बयानों से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन पार्टियों का गठबंधन अब खत्म हो चुका।
अखिलेश यादव के बदले सुर जानकारी हो कि अखिलेश ने सोमवार को आजमगढ़ में कहा था कि एसपी और बीएसपी के साथी मिलकर सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ेंगे, लेकिन मंगलवार को उनके भी सुर बदल गए। अब अखिलेश का कहना है कि उनकी पार्टी अकेले भी लड़ने के लिए तैयार है और 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी। साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी उपचुनावों में भी सभी 11 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
अखिलेश के सामने रखी शर्त वहीं आज मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अखिलेश यादव के सामने एक बड़ी शर्त रख दी है। उन्होंने कहा कि यह कोई स्थाई विराम नहीं है। यदि हम भविष्य में महसूस करते हैं कि सपा प्रमुख अपने राजनीतिक कार्य में सफल होते हैं, तो हम फिर से एक साथ काम करेंगे। लेकिन अगर वह सफल नहीं होता है, तो हमारे लिए अलग से काम करना अच्छा रहेगा, इसलिए हमने अकेले उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है।
अपर्णा यादव ने भी दिया बड़ा बयान महागठबंधन को लेकर जहां विपक्षी दल तंज कस रहे हैं वहीं यादव परिवार की छोटी बहू अपर्णा यादव ने भी ट्वीट कर मायावती पर निशाना साधा है। अपर्णा ने लिखा है कि जो सम्मान पचाना नहीं जानता वह अपमान भी नहीं पचा पाता है। मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने ट्वीट किया, ‘समाजवादी पार्टी के बारे में मायावतीजी का रुख जानकर बहुत दुख हुआ। शास्त्र में कहा गया है जो सम्मान पचाना नहीं जानता वह अपमान भी नहीं पचा पाता।’ मुलायम की छोटी बहू ने अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल के बीच विवाद में शिवपाल का समर्थन किया था। पार्टी से अलग होने के बाद भी उन्होंने खुले आम शिवपाल का सपॉर्ट किया।