ये भी पढ़ें-मिशन 2022 : पार्टियों को आयी वफादारों की याद, रेवड़ियां बांटने की कवायद शुरू उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा का कार्यकर्ता और आरएसएस स्वयंसेवक दोनो अपनी उपेक्षा के चलते विश्राम की मुद्रा में चले गए है। नेतृत्व उनके विद्रोही तेवरों से हैरान है। जनता में समाजवादी पार्टी की पैठ से डरा सहमा भाजपा का शीर्ष नेतृत्व दिल्ली से लखनऊ तक एसी कमरो में चिंतन-मनन, मंथन और भोजन के साथ लगातार बैठकों में लग गया है। लेकिन हालात ये है कि इसके भेजे गए दूत एक को मनाते हैं तो दूसरा रूठ जाता है। सरकार और संगठन में दरार-रार पाटने के लिए ट्वीट पर ट्वीट कर किसी तरह अपना पिंड छुड़ाकर नेतागण विश्राम मुद्रा में चले जा रहे है।
ये भी पढ़ें- बसपा से बिछुड़े बारी-बारी मायावती के भरोसेमंद अब सिर्फ सतीश पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार झूठे आंकड़ो के सहारे जनता को बरगलाना चाहती है। कोरोना संक्रमित कर्मचारियों के ड्यूटी पर मौत के मामलो को छुपाकर मुआवजा देने से बचना चाहती है। अपनी नाकामी छुपाने को कोरोना से मृतक संख्या को कम बता रही है। अगर उसकी नीयत साफ है तो वह सभी मृतकों की सूची क्यों नहीं जारी करती है? समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर मृतकों के परिवारजनों से मिलेंगे और उन्हें सांत्वना देगे, उनकी परेशानी पूछेगें। वैसे सभी पार्टीजनों से अपेक्षा है कि वे जरूरतमंदों की मदद करेगें और किसी को भूखा नहीं सोने देगे।