राघवेन्द्र प्रताप सिंह
लखनऊ.
29 जनवरी से शुरु हो रहे यूपी विधानमंडल के बजट सत्र में विपक्ष एकजुट होकर सरकार को घेरने की तैयारी में है। विपक्ष का मानना है कि सरकार के ढुलमुल रवैय्ये के कारण लोकायुक्त की नियुक्ति में देरी हुई। जिससे राज्य में संवैधानिक संकट जैसी स्थिति खड़ी हो गई है। ऐसा पहली बार हुआ जब इस मामले में उच्चतम न्यायालय को सीधे हस्तक्षेप करना पडा। जिससे प्रदेश की छवि धूमिल हुई है। विपक्ष ने सरकार को इसका तगड़ा जवाब देने की तैयारी की है। इस मुद्दे पर भाजपा, कांग्रेस, रालोद का कहना है कि सरकार के ढुलमुल रवैय्ये के कारण ही उच्चतम न्यायालय को राजनीतिक सत्ता को दरकिनार कर लोकायुक्त की नियुक्ति के मामले अपने हाथ में लेना पडा।
सपा सरकार ने लोकायुक्त का मामला पेचीदा बनाया- भाजपा
भाजपा विधानमंडल के मुख्य सचेतक डाॅ राधा मोहन दास अग्रवाल इसे संवैधानिक संकट मानते हैं। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप से प्रदेश की राजनीतिक सत्ता पर सवाल खड़ा कर दिया। इस मसले पर विधानसभा में नेता विपक्ष और नेता सदन के बयान परस्पर विरोधी आने से यह मामला और पेचीदा हो गया। अग्रवाल ने कहा कि लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर बनी उहापोह की स्थिति पर सरकार को जवाब देना होगा। इस मामले को विपक्ष पूरे जोरशोर से उठाएगा। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर भी ने कहा कि सत्र में सरकार को स्पष्ट करना होगा कि किन कारणों से उच्चतम न्यायालय को लोकायुक्त के मामले में हस्तक्षेप करना पडा। रालोद नेता ठाकुर दलवीर सिंह ने कहा कि लोकायुक्त की नियुक्ति में पैदा हुई पेंचीदगी ने राज्य में संवैधानिक जानकारों में चिंता पैदा कर दी है क्योंकि लोकायुक्त की नियुक्ति का दायित्व सरकार पर है। उच्चतम न्यायालय का हस्तक्षेप का कारण सरकार को बताना ही पडेगा।
इन मुद्दों पर भी घिरेगी सरकार
विपक्ष ने लोकायुक्त की नियुक्ति के मामले के साथ ही गन्ने का दाम नहीं बढाए जाने, कानून व्यवस्था और पंचायती चुनाव में कथित धांधली के मामले को सदन में उठाया जाएगा। उनका आरोप है कि पंचायती चुनाव प्रशासनिक चुनाव में तब्दील हो गया था। सत्ता का जमकर दुरुपयोग किया गया। रालोद ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों के मामलों को जोरदार ढंग से उठाएगी। गन्ने का दाम कम घोषित किया गया है। खाद मिल नहीं रही है। ओलावृष्टि से किसान तबाह हो गए। उन्हें मुआवजे के तौर पर कुछ नहीं मिला।
बुंदेलखण्ड में अकाल जैसे हालात
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर ने कहा कि बुन्देलखण्ड में अकाल जैसे हालात से बेपरवाह सरकार गहरी नींद में है। प्रदेश की कानून व्यवस्था छिन्न भिन्न हो गई है। प्रदेश में दारोगा राज कायम है। महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। फसलें चैपट हो रही हैं। औद्योगिक निवेश का ढिंढोरा पीटा जा रहा है लेकिन कोई यह बताने वाला नहीं है कि निवेश कितना आया। हालात यह हैं कि मुख्यमंत्री के घोषणाओं का पालन नहीं हो रहा है।
जनहित के मुद्दों को उठाएगी बसपा
मुख्य विपक्षी दल बसपा ने कहा कि 28 जनवरी को बसपा विधानमंडल दल की बैठक में सरकार को घेरने की रणनीति तय करेगी। विधानमंडल दल के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जनहित के मुद्दो को पुरजोर ढंग से उठाया जाएगा। सदन में रणनीति के तहत सरकार को कठघरे में खडा किया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष ने की सहयोग की अपील
विपक्ष के तीखे तेवरों के बीच विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने सदन की कार्यवाही को शांतिपूर्वक चलाने के लिए विपक्ष से सहयोग की अपील की है। पाण्डेय ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सदन की कार्यवाही सही ढंग से चलने में विपक्ष पूरा सहयोग देगा। आगामी 28 जनवरी को उन्होंने सभी दलो के नेताओं की बैठक बुलायी है।
विपक्ष के मुद्दों पर सटीक जवाब देगे अखिलेश के मंत्री
विधानसभा के बजट सत्र में विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए अहम मुद्दों पर सटीक जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंत्रियों की डयूटी लगा दी है। मुख्यमंत्री ने अपने से रखे विभागों को सदन में जवाब देने की जिम्मेदारी कुछ मंत्रियों को सौंप दी है। यह मंत्री सदन में मुख्यमंत्री या विभागीय मंत्री की गैरमौजूदगी में विपक्ष के सवालों का वाजिब जवाब देंगे। साथ ही बजट चर्चा पर सरकार का पक्ष रखेंगे।
ये मंत्री देंगे जवाब
संसदीय कार्यमंत्री आजम खां गृह, नियुक्ति व कार्मिक समेत कई विभागों से जुड़े सवालों का जवाब विधानसभा में देंगे। लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव आबकारी, आवास, नगर व चीनी विभाग का जवाद देंगे। माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव सदन में उच्च शिक्षा, कर निबंधन, खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी भाषा, पंचायती राज मंत्री बलराम यादव आयुष, दुग्ध विकास मंत्री राम मूर्ति वर्मा चिकित्सा शिक्षा, औद्योगिक विकास, वित्त, व संस्थागत वित्त, बैंकिंग, राज्य मंत्री शिव प्रताप यादव पर्यावरण, जंतु उद्यान, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा राज्यमंत्री अभिषेक मिश्र नागरिक उड्डयन, राज्य सम्पत्ति, इलेक्ट्रानिक्स से जुड़े मुद्दों का जवाब देंगे।
ये होगा सरकार का अंतिम बजट
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ये प्रदेश की सपा सरकार का अंतिम बजट होगा। क्योंकि 2017 के फरवरी में विधानसभा के चुनाव होंगे। चुनावी वर्ष होने के कारण सरकार लोकलुभावन बजट पेश कर सकती है। बेरोजगारी भत्ते जैसी बन्द हुई योजनाओं को फिर से शुरु किया जा सकता है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि यह बजट सत्र हंगामेदार होगा।
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