इन कारणों से बढ़ रहा वायु प्रदूषण बढ़ते वाहनों की संख्या जिस कारण वाहन प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं तापमान में गिरावट व मेट्रो निर्माण कार्य के चलते सड़कों के खोदने से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। शहर में बढ़ी संख्या में ऐसे कुछ वाहन हैं, जो मानके से ज्यादा धुंआ छोड़ते हैं। इससे वायु प्रदूषण का खतरा बना रहता है। कई जगह निर्माण कार्य होने की वजह से भी शहर में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है।
प्रदूषण के स्तर में मौसम सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ध्रुव सेन सिंह के जलवायु निगरानी स्टेशन के निदेशक के मुताबिक अक्टूबर के पहले दो हफ्तों में हवा का वेग वास्तव में कम रहा है, जो धूल के कणों को फैलाने और हवा में निलंबित रहने की अनुमति नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि दिन और रात के तापमान में गिरावट भी प्रदूषण के स्तर में वृद्धि कर रही है जिससे धूल गर्म हवा के साथ बढ़ने की अनुमति नहीं दे रहा है।
देश का 7वां प्रदूषित शहर लखनऊ वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ देश का 7वां सबसे प्रदूषित शहर है। यहां की आबोहवा जिन प्रतिदिन जहरीली होती जा रही है। केजीएमयू के पल्मोनरी विभाग के प्रो. संतोष सिंह के मुताबिक फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं में सल्फर डाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन जैसे हानिकारक गैस और लेड शामिल होती हैं। अगर कोई व्यक्ति डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तरीके से इनके संपर्क में आता है, तो उसके लंग्स और स्किन पर इनका असर पड़ता है। जहां लेड की वजह से कैंसर का खतरा बना रहता है, वहीं लंग्स में इन्फेक्शन होने से टीबी का खतरा भी बना रहता है।