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लखनऊ

Family Planning: चूक के बाद समझ आई, परिवार नियोजन अपनाने में है भलाई

नीतू की कहानी: परिवार नियोजन के महत्व की सीख…

लखनऊJul 19, 2024 / 08:59 pm

Ritesh Singh

Family Planning Updates

Family Planning Updates

 Family Planning Updates: लगभग एक माह के बच्चे की मां नीतू ने बच्चे के जन्म के तुरंत बाद नसबंदी अपनाई। वह कहती हैं कि अब तक उन्होंने परिवार नियोजन का कोई साधन नहीं अपनाया था। एक छोटी सी चूक की वजह से पहले बच्चे के जन्म के 12 साल बाद गर्भ ठहरा। सब कुछ जानते हुए भी मैंने कोई साधन नहीं अपनाया था। मैं किसी भी सूरत में किसी की जान नहीं ले सकती, इसलिए मैंने सोचा कि लड़की हो या लड़का, मैं इसे जन्म दूँगी लेकिन अब इस बात की चिंता है कि इतनी महंगाई में कैसे दो बच्चों को पालेंगे। आगे चलकर दो बच्चों को पढ़ाना-लिखाना है। मैं सभी से कहना चाहती हूँ कि किसी भी तरह की गलतफहमी में न रहें। अगर बच्चा नहीं चाहते हैं तो परिवार नियोजन का साधन जरूर अपनाएं।
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परिवार नियोजन के लाभ

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की महिला रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अंजू अग्रवाल बताती हैं कि परिवार नियोजन के कई साधन हैं जो स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क मिलते हैं, फिर भी महिलाएं अनदेखी कर जाती हैं। नीतू के केस में यह अच्छी बात रही कि उन्होंने गर्भपात का रास्ता नहीं चुना, बल्कि स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। बहुत सी महिलाएं गर्भपात का रास्ता चुनती हैं जो प्रशिक्षित चिकित्सक से करवाने पर ही सुरक्षित है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि नीतू ने सही निर्णय लिया कि जन्म के तुरंत बाद नसबंदी की सेवा अपनाई।
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गर्भनिरोधक साधन अपनाने से कोई गुरेज नहीं करना चाहिए। गर्भनिरोधक साधन अपनाने के लाभ हैं कि यह अनचाहे गर्भ को रोकता है, यौन संक्रमण और रोगों से बचाव होता है, मां और बच्चे का स्वास्थ्य अच्छा रहता है, सुखी वैवाहिक जीवन का आनंद ले सकते हैं, और बच्चों का लालन-पालन सही से कर सकते हैं। यदि कम बच्चे हैं तो महिला स्वयं अपनी, मौजूदा बच्चों और परिवार की देखभाल अच्छे से कर पाएगी। साथ ही महिला के पास खुद की शिक्षा, व्यावसायिक विकास, मनोरंजन व अन्य कामों के लिए भी समय होगा, जो उसके पूरे व्यक्तित्व को प्रभावित करेगा।
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परिवार नियोजन के साधन

छितवापुर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. गीतांजलि सिंह बताती हैं कि बास्केट ऑफ चॉइस में परिवार नियोजन के कई आधुनिक साधन मौजूद हैं। जैसे त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, इंट्रायूट्राइन कॉण्ट्रासेप्टिव डिवाइस (आईयूसीडी), साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया, आकस्मिक गर्भनिरोधक गोली, माला एन और कंडोम। महिला अपनी इच्छा के अनुसार इनका चुनाव कर सकती है।

यूपी में परिवार नियोजन की स्थिति

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)-5 के अनुसार सकल प्रजनन दर 2.4 है जबकि एनएफएचएस-4 में यह आंकड़ा 2.7 था। सकल अनमेट नीड यानि महिलाएं गर्भनिरोधक साधनों की जानकारी रखती तो हैं लेकिन किन्हीं कारणों से उनका उपयोग नहीं करती हैं। एनएफएचएस-4 के अनुसार ऐसी महिलाओं का प्रतिशत 18.1 था जबकि एनएफएचएस-5 में यह आंकड़ा 12.9 फीसद हो गया। अस्थायी साधनों को लेकर अनमेट नीड की बात करें तो एनएफएचएस-4 में आंकड़ा 6.8 फीसद था और एनएफएचएस-5 में यह आंकड़ा 4.8 हो गया।
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इस प्रकार, परिवार नियोजन अपनाने से न केवल अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है, बल्कि परिवार और समाज की भलाई भी सुनिश्चित की जा सकती है।

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