ईसीएम से जोड़कर बनाते हैं चाबी वाहन चोर अपने ओबीडी स्कैनर के अनुसार संबन्धित वाहन अलार्म एवं जीपीएस सिस्टम का तार काट देते हैं। जैमर को मोबाइल चार्जर वाली जगह पर लगा देते हैं। इसके बाद स्कैनर को वाहन के ईसीएम के पास लेकर दाके हैं। इससे स्कैनर के स्क्रीन पर चाबी का विवरण आ जाता है। फिर पहले से तैयार चाभी पर सारी जानकारी फीड कर वाहन लेकर फरार हो जाती है।
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इतने सरकारी शिक्षकों की छिन गई नौकरी, रिटायरमेंट की दहलीज पर न पेंशन और न पीएफ पॉमटॉप और टैबलेट जैसे होता है आकार ओबीडी स्कैनर पॉमटॉप से लेकर टैबलेट तक के आकार का उपकरण होता है। इसमें किसी भी कंपनी के वाहनों की चाबी का विवरण इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में दर्ज रहता है। पुलिस अधिकारी के अनुसार एक ओबीडी स्कैनर में दो लाख के आसपास वाहनों का विवरण रहता है। स्कैनर की कीमत इसमें दर्जन वाहनों के मॉडल की जानकारी पर निर्भर रहती है। अगर पुराना मॉडल है तो 70 से 80 हजार रुपए और अगर नए मॉडल का हा तो डेढ़ लाख तक की कीमत होती है। गिरोग ऑनलाइन वेबसाइट से फर्जी मंगाते हैं।
वाहन चोरी रोकने के लिए उपाय डीसीपी ने चेतावनी दी है कि वाहनों में एंटी थेफ्ट डिवाइस जरूर लगाएं। चार पहिया वाहनों में गियर लॉक और व्हील लॉक का प्रयोग करें। इसके साथ ही अच्छी बैटरी बैकअप वाले मैग्नेट जीपीएस का इस्तेमाल करें। वाहन चोर कंपनी द्वारा लगाए जीपीएस की स्थिति जानते हैं इसलिए सबसे पहले उसे ही निष्क्रिय करते हैं। डीसीपी ने बताया कि वाहनों को लावारिस या बाहर खड़ा करने से बचे।