आचार संहिता क्या होती है?
आचार संहिता (Code of Conduct) किसी राजनैतिक दल (पार्टी) के प्रत्याशी या फिर किसी संगठन के लिए सामाजिक व्यवहार को बनाए रखने के लिए निर्धारित नियमों को कहते हैं। आचार संहिता को अंग्रेजी में code of conduct कहते हैं।
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आचार संहिता कब से लागू होगी/आचार संहिता की अवधि-
आप यहां से जान सकते हैं कि लोकसभा चुनाव में आचार संहिता कितने दिन पहले लगती है। आचार संहिता लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही लागू कर दी जाती है और यह तब तक जारी रहती है जब तक लोकसभा चुनाव के परिणामों का ऐलान नहीं हो जाता है। आचार संहिता की अवधि लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान होने के साथ से परिणाम आने तक की होती है। अगर इस बीच किसी भी पार्टी का उम्मीदवार कोई आचार संहिता के नियमों को नहीं मानता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, यहां तक कि उसे लोकसभा चुनाव लड़ने से भी रोक दिया जाएगा। इसके साथ ही उस पर एफआईआर दर्ज कर जेल भी भेजा जा सकता है।
आचार संहिता क्यों होती है लागू
आचार संहिता सभी राजनैतिक पार्टियों पर लागू की जाती है। ताकि लोकसभा चुनाव में पार्टियों के बीच कोई मतभेद न हो। आचार संहिता लागू करके पार्टियों के बीच मतभेद टालकर, शांतिपूर्ण रूप से चुनाव कराया जाता है। आचार संहिता लागू होने के बाद कोई राजनैतिक पार्टी अपने अधिकारिक पदों का अपने लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता है।
आचार संहिता कब लगती है?
अगर आप जानना चाहतें हैं कि आचार संहिता कब लगती है तो आपको बता दें कि आचार संहिता तब लगती है जब लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव या फिर किसी भी चुनाव की घोषणा होती है। जैसे ही चुनाव की घोषणा होती है वैसे ही आचार संहिता लग जाती है।
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ये हैं आचार संहिता के नियम
१. सभी पार्टियों के उम्मीदवारों को प्रतिद्वंदी दलों के प्रत्याशियों का सम्मान करना चाहिए।
२. प्रतिद्वंदी दलों के उम्मीदवारों को उनके घर के सामने रोड शो या प्रदर्शन कर उन्हें परेशान न करें।
३. किसी पार्टी का कोई उम्मीदवार लाउड स्पीकर के माध्यम से प्राचर प्रसार करना चाहता है तो वह स्थानीय अधिकारियों से अनुमति जरूर लें।
४. प्रत्याशी अगर कोई अभियान कर रहा है तो उससे पहले पुलिस प्रशासन को सूचिक करें। जिससे सुरक्षा व्यवस्था की जा सके।
५. अगर पार्टी का कोई उम्मीदवार रैली आयोजित कर रहा है तो उससे यातायात व्यवस्था प्रभावित न हों।
६. मतदान के दिन कोई उम्मीदवार अपने चुनाव चिन्ह को पोलिंग बूथ के आस-पास नहीं दिखा सकते हैं।
७. पोलिंग बूथ पर पार्टी के जिन लोगों को तैनात किया जाएगा उनको चुनाव समिति द्वारा एक पास दिया जाएगा।
८. कोई भी व्यक्ति बिना पास के पोलिंग बूथ पर नहीं जा पाएगा।
लोकसभा चुनाव के दौरान सभी पार्टियों के उम्मीदवारों को आचार संहिता के इन नियमों को विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए ताकि लोकसभा चुनाव में उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।