पुलिस प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा से मिला। वार्ता के बाद प्रदर्शनकारियों को आलमबाग स्थित ईको गार्डन धरना स्थल भेज दिया गया। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने स्पष्ट किया कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, संघर्ष जारी रहेगा।
चार वर्षों का संघर्ष, नियुक्ति पत्र का इंतजार
अभ्यर्थियों की मांग 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत 2019 में हुई थी। हालांकि, आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को अभी तक नियुक्ति पत्र नहीं मिला है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित विशेष कमेटी की जांच रिपोर्ट और हाईकोर्ट का निर्णय अभ्यर्थियों के पक्ष में रहे हैं। इसके बावजूद नियुक्ति प्रक्रिया में देरी हो रही है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई में देरी कर रही है। उनका कहना है कि सरकार को इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए, ताकि अभ्यर्थियों का भविष्य सुरक्षित हो सके।
महानिदेशक से वार्ता का निष्कर्ष
प्रदर्शनकारियों ने स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा से भेंटकर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। महानिदेशक ने आश्वासन दिया कि 11 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई प्रस्तावित है। विभाग इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई का आग्रह करेगा।
ईको गार्डन में धरना जारी, अभ्यर्थियों की रणनीति
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को निदेशालय से हटाकर आलमबाग स्थित ईको गार्डन धरना स्थल भेजा, जहां उनका आंदोलन जारी है। अभ्यर्थियों ने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। अमरेंद्र पटेल ने कहा, “हम चार वर्षों से न्याय की गुहार लगा रहे हैं। अगर सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई नहीं होती, तो आंदोलन को बड़ा रूप दिया जाएगा।”
सरकार और न्यायपालिका की भूमिका पर सवाल
अभ्यर्थियों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हाईकोर्ट और आयोग के फैसले उनके पक्ष में होने के बावजूद नियुक्ति प्रक्रिया में देरी क्यों हो रही है। सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई के लिए अभी तक ठोस कदम क्यों नहीं उठाए गए। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है। इसके बावजूद प्रशासनिक उदासीनता से उनकी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।
आंदोलन का भविष्य और संभावनाएं
अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि 11 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई नहीं होती या उनके पक्ष में निर्णय नहीं आता, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। उन्होंने सरकार से अपील की है कि नियुक्ति प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। मुख्य बिंदु
- 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया: 2019 में शुरू हुई प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं।
- आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय: रिपोर्ट और कोर्ट के फैसले के बावजूद नियुक्ति में देरी।
- सरकार से मांग: सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई और नियुक्ति प्रक्रिया का शीघ्र निस्तारण।
- ईको गार्डन में प्रदर्शन: आंदोलनकारियों ने धरना जारी रखा।
- भविष्य की रणनीति: सुप्रीम कोर्ट में फैसला न आने पर बड़ा आंदोलन।