युवाओं को 2500 का स्टाइपेंड प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना और युवा उद्यमिता विकास अभियान योजना को शुरू करने का निर्णय लिया गया है। युवाओं को उद्योगों में प्रशिक्षण के साथ-साथ मासिक प्रशिक्षण भत्ता दिया जाएगा। कुल भत्ते में 1500 रुपए प्रतिमाह की धनराशि केंद्र सरकार द्वारा, एक हजार रुपए प्रतिमाह राज्य सरकार द्वारा व शेष राशि संबंधित उद्योग द्वारा दी जाएगी। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के संचालन से प्रदेश के उद्योगों को कुशल कारीगर व युवाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ रोजगार भी मिलेगा। इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
युवा हब बनाने के लिए 50-50 करोड़ प्रदेश के हर जिले में युवा हब बनेगा, जो युवाओं को परियोजना, परिकल्पना से लेकर एक वर्ष तक परियोजनाओं को वित्तीय मदद के साथ संचालन में सहायता प्रदान करेगा। एक हजार 200 करोड़ रुपए की धनराशि, जो युवाओं के लिए विभिन्न रोजगार में खर्च होनी है, इसी युवा हब के माध्यम से की जाएगी। इस योजना से एक लाख युवाओं को स्वावलंबी बनाने का लक्ष्य है। हर जिले में युवा हब की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। लघु उद्योग, खादी एवं ग्रामोद्योग आदि क्षेत्रों में युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार व ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले युवाओं के लिए विशेष रोजगार योजना संचालित है।
सहारनपुर, आजमगढ़ और अलीगढ़ में बनेंगी यूनिवर्सिटी यूपी में 3 नए राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना होगी। सहारनपुर, आजमगढ़ और अलीगढ़ में नए विश्वविद्यालय बनेंगे। इसके अलावा यूपी में पुलिस फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी की स्थापना भी होगी।
मिर्जापुर, प्रतापगढ़, बस्ती, गोंडा में इंजीनियरिंग कॉलेज प्रयागराज में लॉ यूनिवर्सिटी और गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना होगी। मिर्जापुर, प्रतापगढ़, बस्ती और गोंडा में इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थापना होगी। यूपी में 18 में अटल आवासीय विद्यालय की स्थापना की जा रही है। इसके लिए 270 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
अखिलेश यादव देते थे बेरोजगारी भत्ता उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी सरकार में बेरोजगारी भत्ता योजना की शुरुआत प्रदेश में बेरोजगारी खत्म करने के लिए शुरू की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ बेरोजगारों को भत्ता देना था। इसके अंतर्गत वे लोग आते थी जिनकी न्यूनतम आयु 30 वर्ष है तथा वह किसी भी सरकारी, प्राइवेट या किसी भी तरह की नौकरी से न जुड़े थे।