इसी के साथ ही अखिलेश यादव पुष्पेंद्र के परिवार से मिलने उनके गांव करदुआं खुर्द पहुंचे, जहां रोते बिलखते परिवार को अखिलेश ने ढांढस बंधाया। पुष्पेंद्र के भाई ने अखिलेश यादव को एन्काउंटर की पूरी कहानी बताई। इस मौके पर सपा अध्यक्ष ने परिवार को हर संभव मदद देने का भरोसा दिलाया व कहा कि झांसी पुलिस ने निर्दोश का एन्काउंटर किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में सत्ता का दंभ अब सिर चढ़कर बोल रहा है। अखिलेश के पहुंचने पर याहां मौजूद ग्रामीणों ने पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए व पुष्पेंद्र के हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग की। पुलिस ने गुस्साए ग्रामीणों को बैरिकेडिंग लगा कर स्थिति को काबू में किया।
मामले में अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था पीवी रामाशास्त्री ने प्रेस वार्ता कर कहा है कि यूपी पुलिस ने इस मामले में विधि सम्मत कार्य किया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है। वहीं एनकाउंटर की मजिस्ट्रेटी जांच हो रही है। पुलिस द्वारा पुष्पेंद्र का दाह संस्कार किए जाने पर उन्होंने कहा कि पुष्पेंद्र का शव परिवार को सौंपा गया था। उन लोगों ने शव नहीं लिया इसलिए धार्मिक रीति-रिवाजों के मुताबिक दाह संस्कार कराया गया जिसमें स्थानीय लोग भी शामिल हुए थे। पीवी रामाशास्त्री ने यह भी बताया कि एनकाउंटर से पहले पुष्पेंद्र पर साल 2014 व 2015 के 5 मुकदमे दर्ज थे। बहरहाल पुलिस क्रैकडाउन की प्रक्रिया का पालन हुआ है। पीड़ित परिवार की तहरीर पर भी जांच की जा रही है। पुष्पेंद्र की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जांच का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि पुष्पेंद्र का भाई अपना बयान दे सकता है। पुष्पेंद्र के भाई के पक्ष की जांच की जा रही है।
मामले में कांग्रेस ने भी यूपी सरकार व पुलिस को घेरा हैं। कांग्रेस ने पुलिस मुठभेड़ों की सीबीआइ जांच की मांग की है। वही प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के पुत्र आदित्य यादव ने पुष्पेंद्र के परिवार से मुलाकात की। इस दौरान दौरान पुष्पेंद्र की पत्नी शिवांगी ने आदित्य से न्याय की भीख मांगी। व हाथ पकड़कर कहा कि भइया हमें न्याय दिला दो। शिवांगी की हालत देख हर किसी की आंखे नम हो गईं। इस दौरान आदित्य यादव ने पत्रकारों से कहा कि यह एनकाउंटर नहीं हत्या है। लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। घूसखोरी को छिपाने के लिए एक बेगुनाह को पुलिस ने मार डाला और बाद में करतूत पर पर्दा डालने के लिए हत्या को मुठभेड़ की शक्ल दे दी।