scriptऑनलाइन ही कॉपी कर रहे हैं हैकर्स आपके डिजिटल फिंगरप्रिंट | What is fingerprinting? The online tracking you can't avoid | Patrika News
टेक्नोलॉजी

ऑनलाइन ही कॉपी कर रहे हैं हैकर्स आपके डिजिटल फिंगरप्रिंट

जब आप यह सोचते हैं कि आपने अपनी गोपनीयता को बिल्कुल चाक-चौबंद कर लिया है तभी इंटरनेट आपकी सुरक्षा में सबसे ज्यादा सेंध लगाता है

Nov 04, 2019 / 06:13 pm

Mohmad Imran

ऑनलाइन ही कॉपी कर रहे हैं हैकर्स आपके डिजिटल फिंगरप्रिंट

ऑनलाइन ही कॉपी कर रहे हैं हैकर्स आपके डिजिटल फिंगरप्रिंट

हम सभी फिंगरप्रिंटिंग से परिचित हैं। आमतौर पर इनका उपयोग अपराधियों की पहचान करने के लिए आरक्षित उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। अब ऐसे मोबाइल और कम्प्यूटर भी आ गए हैं जिनमें फिंगरप्रिंट से ही उसे खोला जाता है। ऐसी करीब 500 से ज्यादा ऑनलाइन साइट्स हैं जिन पर विजिट करने से पहले करीब एक तिहाई अमरीकी अपनी पहचान को छुपाते हुए गुप्त कोड का उपयेाग करते हैं। न्यूज साइट से लेकर अश्लील वेबसाइट तक अब अनाधिकृत साइट्स चलाने वाले आपके ऐसे गैजेट्स और डिवाइस की पड़ताल कर रहे हैं जिनसे आप अपने फिंगरपिंट्स आसानी से न छुपा सकें। अब इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने प्राइवेट ब्राउजिंग मोड चालू किया हुआ है या आप क्लियर ट्रैकर कुकीज का उपयोग करते हैं या फिर किसी virtual private network से internet चला रहे हैं। हैकर्स अब आपका फिंगरप्रिंट पाने के लिए डू नॉट ट्रैक का ऑप्शन देकर यह काम कर रहे हैं। वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि अब हम अपनी ऑनलाइन गोपनीयता को लेकर पहले से ज्यादा संवेदनशील हो गए हैं। निजी गोपनीय डेटा अब एक हथियार बन चुका है और हम इस दौड़ में बहुत पीछे रह गए हैं।
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कैसे होती है फिंगरप्रिंटिंग
हैकर हमारी ऑनलाइन गतिविधियों और ब्राउज के तरीकों से हमें ट्रैक करते हैं। इसके बाद ये अनाधिकृत साइटें बेहद सामान्य और आकर्षित कंटेंट के जरिए हमारे ब्राउजऱ को मजबूर करती हैं कि हम उनकी साइट विजिट करें। जबकि उनका असल उद्देश्य हमारे कंप्यूटर के बारे में बेहद तकनीकी जानकारी हासिल करना है। जैसे कि आपकी कम्प्यूटर स्क्रीन का रिज़ॉल्यूशन क्या है, आपका ऑपरेटिंग सिस्टम या आपके द्वारा इंस्टॉल किए गए फोंट कौन-से हैं। इन सभी विवराणों का संयुक्त रूप से उपयोग कर हैकर हमारेक डिवाइस की एक अनुमानित तस्वीर बनाते हैं जो हमारे अंगूठे की त्वचा की तरह बेहद यूनीक होती है। ऐसी साइटें यह जानने के लिए आपके डिजिटल फिंगरप्रिंट का उपयोग कर सकती हैं कि आपने किन-किन साइट पर कब और कितनी देर विजिट किया। वे आपका फर्जी प्रोफाइल बना सकती हैं साथ ही आपकी पसंदीदा साइट्स पर अपने विज्ञापन तक प्रसारित कर सकते हैं। इतना ही नहीं वे इसका उपयोग कर आपको अपना पासवर्ड साझा करने, धोखेबाजों की पहचान करने और हानिकारक बॉट्स को ब्लॉक करने से रोकने में भी कर सकते हैं।
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183 से ज्यादा साइटें हैं ऐसी
चोरी से ऑनलाइन ही आपका फ्रिरप्रिंट चुराने वाली ऐसी अब तक 183 से ज्यादा फिंगरप्रिंटर्स को ट्रैक किया जा चुका है। सरकारी विभाग की ओर से 30 सितंबर से 8 अक्टूबर के बीच इनकी पहचान की गई है। इनमें से 30 कंपनियों और साइटों के अधिकारियों से वाशिंगटन पोस्ट ने बात की तो कुछ ने यह दावा किया कि यह फिंगरप्रिंट उद्योग-मानकों के अनुसार लिए गए थे। वहीं कई अन्य ने यह कहा कि उन्हें यह महसूस ही नहीं हुआ कि यह हमारे डेटा को स्वयं एकत्रित कर रहा है। कइयों को तो ये तक नहीं मालूम कि ऐसा हो भी रहा है क्योंकि उन्होंने विज्ञापन और डेटा भागीदारों को अपनी वेबसाइटों के कुछ हिस्सों को संचालित करने दिया था। इदस बारे में जानकारी होने के बाद अब तक छह साइटों ने कहा कि वे फिंगरप्रिंटिंग कोड को हटा देंगे। इनमें अमरीकी सरकार द्वारा संचालित चार साइट भी शामिल हैं।
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प्रसिद्ध वेबसाइट्स भी शामिल
यह अवैध फिंगरप्रिंटिंग उन साइटों पर हो रही है जिनके बारे में आप अंइाजा भी नहीं लगा सकते कि वे ऐसा कर सकती हैं। इनमें थिसॉरस डॉट कॉम और ऑल रेसिपीज डॉट कॉम जैसी बहुत प्रतिष्ठित वेबसाइट्स भी शामिल हैं। यहां तक कि ऑनलाइन सुरक्षा और गोपनीयता प्रदाता सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनी नॉर्टन डॉट कॉम भी इसमें शामिल है। कई बड़े अमरीकी समाचार पत्र और न्यूज चैनल की साइट्स भी अलग-अलग तरीकों से इसमें संलग्न हैं। वहीं पोर्न साइट्स फिंगरपिं्रटिंग का इस्तेमाल उन लोगों को ट्रैक करने और ब्राउजिंग सामग्री जानने के लिए करती हैं जो उन्हें निजी-ब्राउजिंग मोड में देखते हैं। वॉशिंगटन पोस्ट की वेबसाइट भी अपने विजिटर्स की उस समय फिेगरप्रिेटिंग करती है जब उसने कुकीज को ब्लॉक कर दिया हो। फिेगरपिं्रटिंग को यूजर के नियंत्रण से बाहर रहने के लिए विकसित किया गया है। यह आपकी उस जानकारी को भी इग्नोर कर देती है जब आपने अपने फिेगरप्रिंट को इतना यूनीक बनाया हो कि वह ट्रैकिंग पैरामीटर्स पर पकड़ा ही न जा सके।
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ऐसे करते हैं फिंगरप्रिंटिंग
फिेगरप्रिटिंग साइटें हमें नाम से नहीं जानती हैं लेकिन वे हमारे ब्राउजिंग डेटा से मिली जानकारी के आधार पर हमारा एक खाका तैयार कर लेते हैं। जब आप किसी साइट को अपलोड करते हैं तो फिंगरप्रिंटिंग कोड आपके कंप्यूटर को उन चीजों के लिए पूछना शुरू कर देता है जो किसी पेज को रन करने की सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हैं। वे यह जानते हैं कि आप किस ऑपरेटिंग सिस्टम को चला रहे हैं, आपने कौन से फॉन्ट इंस्टॉल किए हैं या आपके आंतरिक नेटवर्क पर आपका पता क्या है। यह आपको साइट पर आने वाले अन्य लोगों से अलग दिखता है। कुछ साइटें ‘ट्रैक न करें’ विकल्प को भी अपने टूल की तरह इस्तेमाल करती हैं।
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कई बार फिंगरप्रिंटिंग कोड सोनार परीक्षण के डिजिटल समतुल्य को भी संचालत करता है, जो यह संकेत देता है कि दूसरी ओर से क्या वापस आता है। वेबसाइट कोड आपके ब्राउजऱ को निर्देश देता है कि टेक्स्ट को कैसे ड्रा किया जाए। फिंगरप्रिंटिंग के लिए इसमें कोडिंग में ऐसे शब्द या चिह्न शामिल हो सकते हैं जो आपकी स्क्रीन पर कभी दिखाई नहीं देते। लेकिन ये वेबसाइटों को मिनट के अंतर को ट्रैक करने में मदद करते हैं कि प्रत्येक डिवाइस कैसे प्रतिक्रिया करता है। इतना ही नहीं फोन और टैबलेट पर उपलब्ध एप्लिकेशन के जरिए भी ये साइटें फिंगरप्रिङ्क्षटग कर सकती हैं।
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