हैकर हमारी ऑनलाइन गतिविधियों और ब्राउज के तरीकों से हमें ट्रैक करते हैं। इसके बाद ये अनाधिकृत साइटें बेहद सामान्य और आकर्षित कंटेंट के जरिए हमारे ब्राउजऱ को मजबूर करती हैं कि हम उनकी साइट विजिट करें। जबकि उनका असल उद्देश्य हमारे कंप्यूटर के बारे में बेहद तकनीकी जानकारी हासिल करना है। जैसे कि आपकी कम्प्यूटर स्क्रीन का रिज़ॉल्यूशन क्या है, आपका ऑपरेटिंग सिस्टम या आपके द्वारा इंस्टॉल किए गए फोंट कौन-से हैं। इन सभी विवराणों का संयुक्त रूप से उपयोग कर हैकर हमारेक डिवाइस की एक अनुमानित तस्वीर बनाते हैं जो हमारे अंगूठे की त्वचा की तरह बेहद यूनीक होती है। ऐसी साइटें यह जानने के लिए आपके डिजिटल फिंगरप्रिंट का उपयोग कर सकती हैं कि आपने किन-किन साइट पर कब और कितनी देर विजिट किया। वे आपका फर्जी प्रोफाइल बना सकती हैं साथ ही आपकी पसंदीदा साइट्स पर अपने विज्ञापन तक प्रसारित कर सकते हैं। इतना ही नहीं वे इसका उपयोग कर आपको अपना पासवर्ड साझा करने, धोखेबाजों की पहचान करने और हानिकारक बॉट्स को ब्लॉक करने से रोकने में भी कर सकते हैं।
चोरी से ऑनलाइन ही आपका फ्रिरप्रिंट चुराने वाली ऐसी अब तक 183 से ज्यादा फिंगरप्रिंटर्स को ट्रैक किया जा चुका है। सरकारी विभाग की ओर से 30 सितंबर से 8 अक्टूबर के बीच इनकी पहचान की गई है। इनमें से 30 कंपनियों और साइटों के अधिकारियों से वाशिंगटन पोस्ट ने बात की तो कुछ ने यह दावा किया कि यह फिंगरप्रिंट उद्योग-मानकों के अनुसार लिए गए थे। वहीं कई अन्य ने यह कहा कि उन्हें यह महसूस ही नहीं हुआ कि यह हमारे डेटा को स्वयं एकत्रित कर रहा है। कइयों को तो ये तक नहीं मालूम कि ऐसा हो भी रहा है क्योंकि उन्होंने विज्ञापन और डेटा भागीदारों को अपनी वेबसाइटों के कुछ हिस्सों को संचालित करने दिया था। इदस बारे में जानकारी होने के बाद अब तक छह साइटों ने कहा कि वे फिंगरप्रिंटिंग कोड को हटा देंगे। इनमें अमरीकी सरकार द्वारा संचालित चार साइट भी शामिल हैं।
यह अवैध फिंगरप्रिंटिंग उन साइटों पर हो रही है जिनके बारे में आप अंइाजा भी नहीं लगा सकते कि वे ऐसा कर सकती हैं। इनमें थिसॉरस डॉट कॉम और ऑल रेसिपीज डॉट कॉम जैसी बहुत प्रतिष्ठित वेबसाइट्स भी शामिल हैं। यहां तक कि ऑनलाइन सुरक्षा और गोपनीयता प्रदाता सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनी नॉर्टन डॉट कॉम भी इसमें शामिल है। कई बड़े अमरीकी समाचार पत्र और न्यूज चैनल की साइट्स भी अलग-अलग तरीकों से इसमें संलग्न हैं। वहीं पोर्न साइट्स फिंगरपिं्रटिंग का इस्तेमाल उन लोगों को ट्रैक करने और ब्राउजिंग सामग्री जानने के लिए करती हैं जो उन्हें निजी-ब्राउजिंग मोड में देखते हैं। वॉशिंगटन पोस्ट की वेबसाइट भी अपने विजिटर्स की उस समय फिेगरप्रिेटिंग करती है जब उसने कुकीज को ब्लॉक कर दिया हो। फिेगरपिं्रटिंग को यूजर के नियंत्रण से बाहर रहने के लिए विकसित किया गया है। यह आपकी उस जानकारी को भी इग्नोर कर देती है जब आपने अपने फिेगरप्रिंट को इतना यूनीक बनाया हो कि वह ट्रैकिंग पैरामीटर्स पर पकड़ा ही न जा सके।
फिेगरप्रिटिंग साइटें हमें नाम से नहीं जानती हैं लेकिन वे हमारे ब्राउजिंग डेटा से मिली जानकारी के आधार पर हमारा एक खाका तैयार कर लेते हैं। जब आप किसी साइट को अपलोड करते हैं तो फिंगरप्रिंटिंग कोड आपके कंप्यूटर को उन चीजों के लिए पूछना शुरू कर देता है जो किसी पेज को रन करने की सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हैं। वे यह जानते हैं कि आप किस ऑपरेटिंग सिस्टम को चला रहे हैं, आपने कौन से फॉन्ट इंस्टॉल किए हैं या आपके आंतरिक नेटवर्क पर आपका पता क्या है। यह आपको साइट पर आने वाले अन्य लोगों से अलग दिखता है। कुछ साइटें ‘ट्रैक न करें’ विकल्प को भी अपने टूल की तरह इस्तेमाल करती हैं।