scriptअब खाने में भी उठाएं आभासी भोजन का जायका | This virtual reality dining might be the future of restauraants | Patrika News
टेक्नोलॉजी

अब खाने में भी उठाएं आभासी भोजन का जायका

तकनीक अभी तक हमारे खान-पान के तरीकों को प्रभावित नहीं कर रही थी। लेकिन अमरीका के मैनहट्टन स्थित जेम्स बियर्ड हाउस, वेस्टर्न विलेज में लोग ऐसे खाने का आनंद ले रहे हैं जो दरअसल उनके सामने मौजूद ही नहीं है। 1844 में बना यह टाउन हाउस अपनी खास ऑयल पेंटिंग्स और पाक कला के लिए जाना जाता है जहां नामचीन कुक और खाने पर लिखने वाले लेखकों ने अपना कीमती समय बिताया था।

Dec 17, 2019 / 05:10 pm

Mohmad Imran

अब खाने में भी उठाएं आभासी भोजन का जायका

अब खाने में भी उठाएं आभासी भोजन का जायका

लेकिन अब यह जगह भविष्य के फूड डेस्टिनेशन के रूप में उभर रही है। 29 दिसंबर से जेम्स बियर्ड हाउस वर्चुअल रियलिटी एक्सपीरिएंस प्रोग्राम ‘एयरोबैंक्वेट्स आरएमएक्स’ की मेजबानी करने जा रहा है। इसमें खाने के साथ तकनीक भी परोसी जा रही है। दरअसल, इस प्रोग्राम में लोगों को डिनर हेडगियर दिया जाता है जो खाने वाले को टेबल-कुर्सी पर बैठे-बैठे ही ऐसे खूबसूरत नजारे और लैंडस्केप का आभास कराता है जो परोसे गए खाने का मौलिक वातावरण का अहसास कराते हैं। यह किसी जादूई दुनिया में डिनर करने के अनुभव जैसा है। यह प्रदर्शनी इतालवी कलाकार मटिया कैसलेग्नो, द्वाराए रेस्तरां राइटर रोनी मजूमदार और न्यूयॉर्क के राही एंड अड्डा के शेफ चिंतन पंड्या की साझेदारी का परिणाम है। तीनों इस अनोखे प्रयोग के जरिए यह सवाल उठाते हैं कि क्या अभी आपने जो महसूस किया वह खाना खाने जैसा था या किसी कला प्रदर्शनी का अनुभव, क्या यही बाहर खाना खाने का भविष्य है जो आसने वाले सालों में हमारे सामने आने वाला है और वास्तव में खाना खाने का वास्तविक अर्थ क्या है? सिर्फ पेट भरना या कला की खूबसूरती से अपने मन को संतृप्त करना।
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कैसे होता है हैडगियर से खाना
इस प्रदर्शनी में सभी डाइनर्स को एक अंधेरे कमरे में घूमने वाली गोल टेबल के साथ बिठाया जाता है। सभी को हेडगियर्स गॉगल्स दिया जाता है। इससे पहले वे आपको वर्चुअल दुनिया में कैसे खाना है इसका तरीका बता देते हैं। टेबल पर बैठने के बाद डज्ञइनर्स अपनी उंगलियों को वहां रखे खाने के बर्तनों में लगे सेंसर पर ले जाते हैं और अपनी गर्दन को पीछे टिकाते हैं और सात अलग-अलग तरह की डिश जिन्हें एक बार में खाना होता है, पेश की जाती हैं। यहां यह नहीं बताया जाता कि ये सात तरह के खाने कौन-से होंगे। आपके हाथ हैडगियर से देखने पर किसी रोबोट के जैसे दिखते हैं आभास देते हैं कि आप उनका इस्तेमाल कर खाना खा रहे हैं। नीचे देखने पर शरीर का नीचे का हिस्सा गायब हो जाता है। प्लेटें और चम्मच सिर के चारों ओर उड़ते हुए नजर आते हैं लेकिन जैसे ही उन्हें छूने की कोशिश करते हैं वे गायब हो जाते हैं।
अब खाने में भी उठाएं आभासी भोजन का जायका
खाद्य श्रंखला में बदलाव है थीम
इस प्रोग्राम का कोई खास थीम या प्लाट नहीं है। लेकिन यहां के शेफ इसे भविष्य के लिए हमारे आज के खाने-पीने के विकल्पों में बदलाव के स्प में प्रचारित कर रहे हैं। वहीं आभासी दुनिया में खाना खाते समय आप जिसे मशरूम समझ के खा रहे हों वह शायद फूल गोभी हो। ऐसे ही मीट समझ कर खाया गया निवाला बाद में पौधो से बने मीट के नए विकल्प प्लांट बेस्ड मीट का टुकड़ा भी हो सकता है।
खाना हवा में उड़ती थालियों में आता हुआ प्रतीत होता है जो किसी विज्ञान फंतासी का अहसास कराती है। जैसे ही आप कुछ उठाने के लिए फोर्क उठाते हैं वह चम्मच में बदल जाता है। इतालवी कलाकार मटिया कैसलेग्नो का कहना है कि सिर्फ मनोरंजन या खाना खिलाना ही हमारा मकसद नहीं है। बल्कि हम लोगों को उनकी सोशल मीडिया की आभासी दुनिया से निकालकर वास्तविकता में जीने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं। और खाने से बेहतर और कोई विकल्प नहीं क्योंकि हम कम से कम खाना तो वास्तविकता में ही खाना चाहते हैं। हम वर्चुअल रियलिटी के जरिए लोगों को स्वाद को और गहराई से महसूस करवाना चाहते हैं।
अब खाने में भी उठाएं आभासी भोजन का जायका
यह exhibition इस बात से भी inspired है कि तकनीक ने हमसे मौसम के अनुसार खाने की आदत को छीन लिया है। जबकि हमारा परंपरागत कृषि ढांचा हमें मौसम के अनुसार खाने के लिए बना था। स्पेन, कोपेनहेगन और वाशिंगटन में ऐसे रेस्तरां भी हैं जो खाने और विज्ञान को एकसाथ परोस रहे हैं। यहां के कुछ खास रेस्तरां मौलीक्यूलर गैस्ट्रोनॉमी फोम, लिक्विड-नाइट्रोजन से बनाए पाचन योग्य डिश जिन्हें सिरिंज के सहारे परोसा जाता है। यहां मिलने वाला खाना वही सामान्य खाना है जिसे विज्ञान और वर्चुअल रियलिटी के जरिए नए रंग-रूप में पेश किया जा रहा है। ऐसे ही कुछ रेस्टोरेंट घुप्प अंधेरे में डार्क या नाइट विजन तकनीक का उपयोग कर खाना खिलाते हैं। वहीं ऑगमेंटेड रियलिटी तकनीक से कॉकटेल भी प्रसिद्ध है जो एक मोबाइल एप से देखने पर इंद्रधनुष के समान नजर आता है।
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