अभी टोल नाकों की एम्बुलेंसों को 1099 टोल फ्री नम्बर से ऑपरेट किया जाता है। इसके लिए एमपीआरडीसी के कार्यालय में एक्सीडेंट रेस्पांस सिस्टम लगाया गया है। इसे ऑपरेट करने का ठेका नीदरलैंड की कंपनी को दिया गया है। इन एम्बुलेंसों का जीपीआरएस ठीक से काम नहीं करने, कॉल सेंटर में तुरंत रेस्पांस नहीं देने और एम्बुलेंस घटनास्थल पर देरी से पहुंचने के कारण नई व्यवस्था की जा रही है।
– शासन के अधीन होंगी पूरी एम्बुलेंस
प्रदेश में करीब 71 टोल पर एम्बुलेंस हैं, 26 टोलों पर एम्बुलेंस खड़ी करने का प्रस्ताव टोल ठेकेदारों के पास भेजा गया है। इसके अलावा करीब 6 एम्बुलेंस कंडम हो चुकी हैं, जिसकी जगह पर नई खरीदी जाएंगी। नीदल लैंड की कंपनी को एक्सिडेंट रिस्पांस सिस्टम लगाने और उसे आपरेट करने के लिए पांच साल पहले 9 करोड़ रूपए का ठेका पांच साल के लिए दिया गया था, बेहतर संचालन पर ठेका बढ़ाने का प्रस्ताव था, लेकिन इसका संचालन ठीक के नहीं हो पाया। इस कंपनी के साथ एमपीआरडीसी के साथ एग्रिमेंट की अवधि भी सितम्बर 2019 को समाप्त हो रही है।
एक्सीडेंट रेस्पांस सिस्टम पर हर दिन करीब 35 से 40 कॉल आते हैं। इनको संबंधित टोल नाकों तक स्थानांतरित किया जाता है। अब 108 और 1099 को जोडऩे पर कॉल की संख्या बढ़ जाएगी। टोल नामों पर ज्यादा सबसे ज्यादा (40) एम्बुलेंस मारूति ओमनी और पांच टेम्पो ट्रेक्स हैं।
स्वास्थ्य विभाग टोल नाकों की एम्बुलेंसों की कंडीशन की जांच करवा रहा है। जहां खराब कंडीशन की एम्बुलेंस होंगे, वहां नई एम्बुलेंस खरीदी जाएंगी।
टोल नाकों की एम्बुलेंस को इंटीग्रेटेड करने की प्रक्रिया चल रही है। एमपीआरडीसी से कुछ औपचारिकता पूरी करने के लिए कहा है। जैसे ही उनका काम पूरा होगा, इन एम्बुलेंसों को 108 से जोड़ देंगे।
– गौरी सिंह, प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य विभाग