गूगल ने हाल ही कुछ एआई तकनीकों का एक सेट जारी किया है जो सैन्य हथियारों को प्रतिबंधित करने का काम करता है। लेकिन गूगल इसे सेना को बेचने से इनकार नहीं करता है। गूगल ने सेना के साथ अपने प्रोजेक्ट मावेन के अनुबंध को भी नवीनीकृत नहीं करने का भरोसा दिलाया है। इस प्रोजेक्ट में ड्रोन फुटेज का विश्लेषण करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग किया जाता है। 2015 से गूगल का नेतृत्व कर रहे पिचाई ने संस्थापक लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन के पद छोडऩे पर हाल ही अल्फाबेट के सीईओ का पदभार संभाला है।
दावोस में पिचाई ने कहा कि एआई जलवायु परिवर्तन से अलग मुद्दा नहीं है।आप किसी एक देश या उससे मुकाबला करने वाले कई देशों के समूह में शामिल होने भर से सुरक्षित नहीं हो जाते। इसके लिए आपको वैश्विक ढांचा विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने अमरीका और यूरोपीय संघ का समर्थन करते हुए कहा कि अमरीका और यूरोप में प्रौद्योगिकी को विनियमित करने के लिए वर्तमान रूपरेखा एक शानदार शुरुआत है। उन्होंने अन्य देशों को पेरिस समझौते के अनुरूप अंतर्राष्ट्रीय समझौतों पर एक साथ काम करने की नसीहत भी दे डाली। उन्होंने फेस रिकग्निशन या चेहरा पहचान तकनीक को लेकर भी विचार रखे। पिचाई ने कहा कि इस तकनीक से डश्रने की जरुरत नहीं है और इस जैसी तकनीक का इस्तेमाल अच्छे कामों के लिए भी किया जा सकता है। इसमें लापता लोगों को ढूंढना या बड़े पैमाने पर समाज को नुकसान पहुंचाने वाले ‘नकारात्मक तत्त्व’ शामिल हैं।
उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग की क्षमता के बारे में भी बात की। पिचाई ने कहा कि उनकी कंपनी कम से कम ग्राहक डेटा का उपयोग करके नई तकनीकों और सेवाओं को विकसित करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि उपयोगकर्ताओं के डेटा को सुरक्षित रखना आज एक बहुत बड़ा जोखिम है। पिचाई ब्रसेल्स से दावोस आते समय रास्ते में रुककर लोगों से आमने-सामने मिले और अपने विचार रखे। यहां उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर अपने दृष्टिकोण का समन्वय करने के लिए नियामकों को भी बुलाया। यूरोपीय संघ कंपनी के साथ एक शुरुआती मसौदे के अनुसार उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य देखभाल और परिवहन में एआई तकनीक विकसित करने वालों के लिए नए नियम लागू करने जा रहा है।