वैसे तो आजकल मार्केट में फास्ट चार्जिंग सपोर्ट वाले स्मार्टफोन आ रहे हैं। लेकिन ये थोड़े महंगे होने की वजह से हरकोई इन्हें खरीद नहीं पाता। ऐसे में कुछ लोग अपने स्मार्टफोन को जल्दी जार्च करने के लिए थर्ड पार्टी ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन यह गलती नहीं करनी चाहिए। ये थर्ड पार्टी ऐप्स बैकग्राउंड में एक्टिव रहती हैं और इससे मोबाइल की बैटरी भी खर्च होती है। साथ ही इनसे आपके मोबाइल का डाटा भी लीक हो सकता है। ऐसे में मोबाइल को जल्दी चार्ज करने के लिए थर्ड पार्टी ऐप्स का इस्तेमाल न करें।
कई लोग मोबाइल में जब 30—40 प्रतिशत बैटरी बचती है तो उसे चार्जिंग पर लगा देते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। स्मार्टफोन एक्सपर्ट्स का मानना है कि फोन में जब 20 फीसदी या इससे कम बैटरी बचे तो उसे चार्जिंग पर लगाना चाहिए। बार—बार मोबाइल चार्ज करने से उसकी बैटरी पर दबाव पड़ता है और उसके जल्दी खराब होने के चांस रहते हैं।
एक घर में कई मोबाइल होते हैं। ऐसे में कई लोग अपने मोबाइल को दूसरे चार्जर से भी चार्ज कर लेते हैं। या कई बार ऐसा होता है कि मोबाइल का चार्जर खराब होने पर पैसे बचाने के चक्कर में लोकल चार्जर खरीद लेते हैं। ऐसे में मोबाइल की बैटरी पर दबाव पड़ता है और वह जल्दी खराब हो सकती है। ऐसे में मोबाइल को चार्ज करने के लिए ओरिजनल चार्जर का ही इस्तेमाल करें।
अक्सर लोग मोबाइल की सुरक्षा के लिए बैक कवर लगाते हैं। जब वे मोबाइल को चार्ज करते हैं तो कवर के साथ ही उसे चार्जिंग पर लगा देते हैं। ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए क्योंकि मोबाइल को कवर के साथ चार्जिंग पर लगाने से मोबाइल ज्यादा गर्म हो जाता है। साथ ही फोन की बैटरी पर भी दबाव पड़ता है। ऐसे में मोबाइल को चार्जिंग पर लगाने से पहले उसके कवर को हटा दें। इससे आपके मोबाइल की बैटरी लंबे समय तक सुरक्षित रहेगी।