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दो सालों में कितना बदला वोडाफोन आइडिया
दो सालों में वोडाफोन आइडिया में कई बदलाव देखने को मिले। सबसे बड़ा बदलाव तो यह है कि जब वोडाफोन आइडिया का विलय हुआ था और नई कंपनी की स्थापना हुई थी, उसमें यूजर बेस करीब 43 करोड़ का था। जो अब ङ्क! के साथ 28 करोड़ रह गया है। वहीं मौजूदा दौर में भी कंपनी अपने यूजर में बनाए रखने में नाकामयाब रही है। उस वक्त कंपनी पर कर्ज की काफी काफी कम था। जो अब बढ़कर 1.15 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इस कंपनी को 50 हजार करोड़ रुपए एजीआर के तौर पर चुकाने हैं। जबकि उस समय एजीआर का बिल काफी कम था।
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25 हजार करोड़ रुपए जुटाने की कोशिश
वहीं दूसरी ओर नए ब्रांड नेम के साथ दुनिया की बड़ी कंपनियों के सामने खड़े होने का प्रयास करने में जुटी हुई है। ताकि उसे वैश्विक कंपनियों से निवेश प्राप्त हो सके। वोडाफोन आइडिया यानी V! ने करीब 25 हजार करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त करने की मंजूरी दी है। जिससे वो अपने कर्ज को चुकाने के साथ अपने कारोबार को बढ़ाने में लगाएगी। खास बात तो ये है कि कंपनी का सीधा मुकाबला जियो और एयरटेल से है। दोनों ही कंपनियां वैश्विक निवेश से अपने आपको आगे बढ़ा रही है। जियो ने हाल ही में वैश्विक निवेश से 1.50 लाख करोड़ रुपए एकत्र किए हैं।
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कंपनी कीमतों में कर सकती है इजाफा
वीआईएल ने साफ किया है कि टैरिफ का बढऩा काफी जरूरी है। इसका कारण है कि मौजूदा दरों में अपने आप को टिकाए रख पाना मौजूदा दौर में काफी मुश्किल है। कंपनियों को अपनी कॉस्टिंग से भी कम पर प्रोडक्ट सेल करना पड़ रहा है। जानकारों की मानें तो कंपनी के सीईओ रविंद्र टक्कर का कहना है कि मौजूदा दौर में शुल्क को बढ़ाकर कम से कम 200 से 300 रुपए तक कर देना चाहिए। उन्होंने कहा पहले कंपनियां अपने टैरिफ को बढ़ाने से डरती नहीं थी। मौजजूदा समय में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है।