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हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार
लंदन कोर्ट के दिवालिया डिवीजन के जज माइकल ब्रिग के अनुसार माल्या का लोन सेटलमेंट प्रस्ताव फिलहाल कर्नाटक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। जब तक इन दोनों कोर्ट से कोई फैसला नहीं आ जाता तब तक माल्या को समय दिया जाना चाहिए। जज माइकल ब्रिग ने यह भी कहा कि अगर माल्या को बैंक्रप्ट घोषित भी कर दिया जाता है तो बैंकों को इसका फायदा त्वरित नहीं मिलता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है।
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जल्द ही सुप्रीम कोर्ट का आ सकता है फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2019 में दोनों पक्षों के दलील सुनने के बाद अपना फैसला रख लिया था। लंदन की कोर्ट के अनुसार जिस तरह से भारत में माल्या संबंधित केस लड़ा जा रहा है, उसमें जल्द ही फैसला आने की संभावना दिख रही है। वहीं दूसरी ओर माल्या के वकीलों द्वारा यह दलील दी जा रही है कि उनके क्लाइंट को भारतीय बैंक बेवजह भारत और यूके में कानूनी मामले में उलझा रहे हैं।