अंबानी के खिलाफ इसलिए फाइल की गई याचिका
हालांकि पहले एनसीएलटी ने आरकॉम के खिलाफ इनसॉल्वेंसी पिटीशन मंजूर कर ली, लेकिन आरकॉम 46,600 करोड़ रुपए के कर्ज के बोझ में 18,000 करोड़ रुपए की कमी लाने के लिए एसेट मॉनेटाइजेशन प्लान देकर इस प्रोसेस से बचने में कामयाब रही। दरअसल अनिल अंबानी ने आरकॉम पर चढ़े एरिक्सन के बकाये का भुगतान समय पर होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पर्सनल गारंटी दी थी, जिसकी पहली डेडलाइन 30 सितंबर 2018 की थी जो मिस हो गई। इसलिए अनिल अंबानी के खिलाफ ये अवमानना याचिका फाइल की गई। एरिक्सन का बकाया चुकाने के लिए आरकॉम को सुप्रीम कोर्ट से 15 दिसंबर तक की मोहलत मिली थी।
आरकॉम ने टेलिकॉम डिपार्टमेंट को ठहराया जिम्मेदार
इस संदर्भ में आरकॉम का कहा है कि एरिक्सन और लेंडर्स का बकाया चुकाने में उसे जो देरी हो रही है, उसकी जिम्मेदार टेलिकॉम डिपार्टमेंट है। वहीं आरकॉम का कहना है कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट रिलायंस जियो के साथ उसकी स्पेक्ट्रम डील को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) नहीं दे रहा है। कंपनी ने DoT के खिलाफ अदालत में अवमानना याचिका दी हुई है। SC सोमवार को दोनों मामलों की सुनवाई करेगा।
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