इन धाराओं में दायर किया केस
एसबीआई की ओर से दो धाराओं में केस दर्ज किया है, जिनका जिक्र एनसीएलटी की मेन बेंच की वेबसाइट में भी दर्ज है। इस के बारे में तत्काल सुनवाई की बात कही गई है। एनसीएलटी के सेक्शन 95 (1) के तहत केस दायर हुआ है। इस धारा के तहत कर्जदाता बैंक कर्जधारक और लोन के गारंटर के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। खास बात तो ये है कि एसबीआई की ओर से यह कार्रवाई उस वक्त की गई है, जब दूसरे कर्जदाताओं को ग्रुप की कंपनियों को बेचकर रुपया वसूलने की इजाजत मिल गई है।
ताकि निजी संपत्तियों पर किया जा सके दावा
जानकारी के अनुसार बैंक की ओर से यह आवेदन इसलिए किया गया है ताकि कर्जदार अनिल अंबानी की प्राइवेट प्रॉपर्टी पर दावा किया जा सके। वहीं दूसरी ओर एसबीआई को डर है कि उनसे पहले दूसरे इंटरनेशनल बैंक इस प्रोपर्टी पर दावा करने का केस कर इजाजत हासिल कर सकते हैं। आपको बता दें के हाल ही के दिनों में ब्रिटेन की कोर्ट की ओर से अनिल अंबानी को चीनी बैंकों को 717 मिलियन डॉलर की रकम देने को कहा था। चीनी बैंकों ने अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप की कंपनी रिलायंस कॉम्युनिकेशंस को कॉरपोरेट लोन दिया था। वहीं दूसरी ओर अनिल अंबानी की ओर से लोन की पर्सनल गारंटी देने से इनकार कर दिया था। वहीं उन्होंने अपनी नेटवर्थ को पूरी तरह से जीरो बता दिया था।