ये भी पढ़ें- अखिलेश यादव ने 2022 चुनाव पर दिया बयान, भाजपा की हर चाल को समझकर बनाएंगे रणनीति एक बार में 400 ML प्लाज्मा डोनेट किया जाता है, जिसे 200ml, 200 ml करके दो बार में चढ़ाया जाता है। अतः जिस व्यक्ति को कोरोना हुआ हो व वह स्वस्थ हो चुका हो, वह अपना प्लाज्मा देकर गंभीर रूप से कोरोना से पीड़ित मरीज की जान बचा सकता है। कोरोना की जंग जीतने के बाद उसके शरीर में एंटीबाडीज तैयार हो जाती है। जो प्लाज्मा के माध्यम से गंभीर रूप से पीड़ित मरीज के शरीर में जाकर बहुत तेज रिकवरी देता है।
ये भी पढ़ें- योगी सरकार का चला हंटर, अब इस गैंगस्टर की करोड़ो की संपत्ति हुई कुर्क, 30 मामले हैं दर्ज, भारी पुलिस फोर्स तैनात अलका का यह है कहना- अलका जैन ने बताया कि उन्हें प्लाज्मा देने के बाद ऐसा लगा ही नहीं कि उनके शरीर से कुछ निकला है। जबकि इसके पूर्व वह 7 बार ब्लड डोनेट कर चुकी हैं, लेकिन ब्लड डोनेट करने के बाद थोड़ी सी कमजोरी महसूस होती है, लेकिन प्लाज्मा डोनेट करने के बाद बिल्कुल भी कमजोरी महसूस नहीं हो रही है। अतः जो लोग कोरोना की जंग जीतकर स्वस्थ हो चुके हैं, वह अपना प्लाज्मा डोनेट कर गंभीर रूप से जिनके फेफड़ों में कोरोना संक्रमण कर गया है, उनको प्लाज्मा देकर उनकी जान अवश्य बचा सकते हैं।