बाघ की संख्या में लगातार इजाफा :- लखीमपुर खीरी में बाघ संरक्षण के लिए दुघवा टाइगर रिजर्व को वर्ष 1987-88 में भारत सरकार ने प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया। वर्ष 2010 यूपी सरकार ने बाघों के संरक्षण के लिए बाघ संरक्षण बल गठित किया, जिसका मुख्यालय दुधवा राष्ट्रीय उद्यान को बनाया गया है। इस योजना से बाघों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। वर्ष 2014 में 60 बाघ थे, जबकि वर्ष 2019 में यह संख्या 100 तक पहुंच गई। पूरे प्रदेश में इन पांच साल में बाघों की कुल संख्या 173 पहुंच गई है। इसी कड़ी में साल 2019 में किशनपुर सेंचुरी में एक बाघिन ने पांच शावकों को जन्म दिया था।
चार शावकों का वीडियो :- दुघवा टाइगर रिजर्व में चार शावकों के आगमन की वीडियो ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा रखा है। दुधवा टाइगर रिजर्व के क्षेत्रीय निदेशक ने इस वीडियो को अपने कैमरे में कैद किया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि बाघिन कार की रोशनी को देखकर थोड़ा असहज होती है। चारों शावक उसके आस-पास घूम रहे होते हैं। पर सतर्क मां बाघिन अपने शावकों के साथ कार के करीब आती है और तसल्ली कर वापस जंगल में गुम हो जाती है। इसके बाद से वन विभाग सतर्क हो गया है। पर्यटक और लोकल जनता को उतने इलाके में जाने की पाबंदी लगा दी गई है।
दो शावक की मौत, जंगल प्रशासन अलर्ट :- इसी बीच कैमरा ट्रैप से पता चला है कि चार शावकों में से एक या दो शावकों को एक बाघ ने मार डाला है। इसके बाद किशनपुर प्रशासन ने बाघिन और बाकी बचे अन्य शावकों की मॉनिटरिंग बढ़ा दी है। बताया जा रहा है कि मौजूदा समय में उनमें से केवल दो से तीन शावक ही दिखाई पड़ रहे हैं। इससे यह प्रतीत हो रहा है कि उस बाघिन के दो शावकों को भी बाघ ने मौत के घाट उतार दिया है।
रात के समय बाघ ने शावक मारा :- दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि, किशनपुर सेंचुरी के झादीताल इलाके में बाघिन के आसपास एक बाघ भी घूम रहा है। सितंबर माह में बाघिन ने इन शावकों को जन्म दिया था। अब तक बाघिन अपने शावकों की सुरक्षा कर रही थी लेकिन, रात के समय बाघ ने एक शावक को मौत के घाट उतार दिया। कैमरा ट्रैप से देखे जाने के बाद मौके पर पहुंचे वनकर्मियों ने उसका शव जंगल में देखे जाने की पुष्टि की है। एक साल पहले किशनपुर सेंचुरी में ही एक बाघिन ने पांच शावकों को जन्म दिया था।