IAS विशाख अय्यर और अपूर्वा दुबे: प्रशासनिक दंपति की अनोखी कहानी
उत्तर प्रदेश में सीएम डैशबोर्ड के तहत जिलों की परफॉर्मेंस मॉनिटरिंग की जाती है। इसमें प्रशासनिक कार्यों की गति और गुणवत्ता का आकलन किया जाता है। लखीमपुर खीरी की रैंकिंग लगातार गिरने के बाद जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया था। नोटिस में स्पष्ट किया गया कि उनकी लापरवाही और कार्य में ढिलाई के कारण जिले की रैंकिंग प्रभावित हुई।किन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई
जिन 12 विभागों के अधिकारियों का वेतन रोका गया है, उनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:- बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए)
- समाज कल्याण अधिकारी
- एक्सईएन, लोक निर्माण विभाग
- डीपीआरओ (जिला पंचायत राज अधिकारी)
- पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी
- कृषि अधिकारी
- एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन)
- ग्रामीण अभियंत्रण विभाग
- पर्यटन अधिकारी
- अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी
- एक्सईएन, जल निगम
दिलचस्प बात यह है कि डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने खुद का वेतन भी रोकने का निर्णय लिया। उन्होंने इसे जिले के अधिकारियों को अनुशासन और जवाबदेही का संदेश देने का कदम बताया। डीएम ने कहा कि वेतन रोकने का उद्देश्य केवल दंडित करना नहीं, बल्कि जिला प्रशासन को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करना है।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि जनवरी माह की रैंकिंग में सुधार लाना अनिवार्य है। यदि जिले की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो संबंधित अधिकारियों पर और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रमुख कारण और रैंकिंग में गिरावट के प्रभाव
- रैंकिंग में गिरावट के प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
- विभागीय समन्वय की कमी: विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की कमी के कारण योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन नहीं हो सका।
- लक्ष्यों की पूर्ति में देरी: विकास योजनाओं और कल्याणकारी योजनाओं के लक्ष्यों को समय पर पूरा नहीं किया गया।
- जवाबदेही की कमी: अधिकारियों की लापरवाही और जिम्मेदारी से बचने की प्रवृत्ति ने भी जिले की रैंकिंग को प्रभावित किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलों की रैंकिंग सुधारने और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। लखीमपुर खीरी में हुई इस कार्रवाई को अन्य जिलों के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।
डीएम द्वारा उठाए गए इस कदम को जनता के बीच सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने से जिले में विकास कार्यों में तेजी आएगी।
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डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल का रुखदुर्गा शक्ति नागपाल, जो अपनी सख्त कार्यशैली और अनुशासन प्रियता के लिए जानी जाती हैं, उन्होंने कहा कि “प्रशासन में जवाबदेही सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। यदि अधिकारी अपने कार्य को पूरी गंभीरता से नहीं लेते हैं, तो उन्हें परिणाम भुगतने होंगे।”
डीएम ने स्पष्ट किया है कि यदि फरवरी में भी जिले की रैंकिंग में सुधार नहीं हुआ, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की जा सकती है। इसके साथ ही, जो अधिकारी बेहतर प्रदर्शन करेंगे, उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।