मुंबई और फलोदी सट्टा बाजार ने क्या की थी भविष्यवाणी?
इससे पहले राजस्थान के फलोदी (Phalodi Satta Bazar) और मुंबई सट्टा बाजार (Mumbai Satta Bazar) की ताजा भविष्यवाणी सामने आई थी। इसमें उत्तर प्रदेश की छह लोकसभा सीटों पर कड़ा मुकाबला बताया गया था। इसमें यूपी के पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य की कुशीनगर लोकसभा सीट भी शामिल थी। कुशीनगर लोकसभा सीट पर मुकाबला ज्यादा कड़ा बताया गया था। इसके अलावा गोरखपुर, कन्नौज, बलिया, गाजीपुर और आजमगढ़ में भी बीजेपी को कांग्रेस-सपा नीति इंडिया गठबंधन कड़ी टक्कर दे रहा है।
क्या है कुशीनगर लोकसभा सीट का इतिहास?
कुशीनगर लोकसभा सीट का चुनाव राजनीति के नए प्रयोग का चुनाव बन गया है। समाजवादी पार्टी यहां पूर्वांचल में नई ताकत के बतौर उभर रहे सैंथवार मल्ल समाज के नेता को टिकट देकर इस समाज का समर्थन पाकर अपने को विस्तारित करने का प्रयोग कर रही है। जबकि पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार अपने बूते पर अपनी नई राजनीति को स्थापित करने के साथ-साथ तीसरा मोर्चा भी बनाने का प्रयोग कर रहे हैं। यहां साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी माने जाने वाले विजय दुबे को टिकट दिया था। वे 3,37,560 मतों के बड़े अंतर से सपा के एनपी कुशवाहा को हराकर विजयी रहे। कांग्रेस के आरपीएन सिंह तीसरे स्थान पर चले गए और उन्हें 1,46,151 मत ही मिले। यह भी पढ़ेंः
आठ एग्जिट पोल में सपा को बड़ा फायदा, यूपी में कांग्रेस का बंटाधार, भाजपा को मिल रहीं इतनी सीटें साल 2022 में विधानसभा चुनाव हार गए थे स्वामी प्रसाद मौर्य
इसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य 2022 का विधानसभा चुनाव सपा के टिकट पर कुशीनगर जिले के फाजिलनगर सीट से लड़े लेकिन हार गए। हार के बाद सपा ने उन्हें एमएलसी बनाया, लेकिन लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही उन्होंने सपा छोड़ दी और पहले से बने राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष बन गए। उन्होंने कुशीनगर से चुनाव लड़ने की घोषणा की और ‘इंडिया’ गठबंधन से समर्थन की प्रत्याशा की,
लेकिन ‘इंडिया’ गठबंधन से सपा ने यहां से अजय सिंह उर्फ पिंटू सैंथवार को प्रत्याशी बना दिया। गठबंधन से समर्थन न मिलने के बावजूद स्वामी प्रसाद मौर्य चुनावी समर में उतर गए। दूसरी ओर लंबे समय से कुशीनगर में सफलता की राह खोज रही सपा ने इस बार नया प्रयोग करते हुए अजय सिंह उर्फ पिंटू सैंथवार को चुनाव मैदान में उतारा है। पिंटू सिंह सैंथवार भाजपा से देवरिया के दो बार विधायक रहे जनमेजय सिंह के बेटे हैं।
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कुशीनगर में सैंथवार मतदाता 4.50 लाख हैं। सैंथवार मल्ल समाज की शिकायत रही है कि वे भाजपा को समर्थन देते आए हैं। इस बार सैंथवार मल्ल महासभा ने बीते 11 फरवरी को गोरखपुर में बड़ी रैली कर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों से प्रतिनिधित्व देने की मांग की थी। भाजपा ने सैंथवार बिरादरी के किसी भी नेता को टिकट नहीं दिया लेकिन सपा ने उनकी मांग अजय सिंह को टिकट देकर पूरी कर दी। इस बदलाव ने कुशीनगर की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। एक बड़े मतदाता समूह के छिटकने से भाजपा में बड़ी बेचैनी है। हालांकि भाजपा ने यह सीट अपने पास रखने के लिए पूरी ताकत लगा दी है।
स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर मुंबई सट्टा बाजार ने क्या भविष्यवाणी की?
मुंबई सट्टा बाजार ((Mumbai Satta Bazar)) के टॉप बुकी ने बताया कि स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी राजनीतिक जीवन में पहली बार खुद के बूते चुनावी मैदान में हैं। वे बसपा से भाजपा, भाजपा से सपा की यात्रा पूरी कर अब राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष बन गए हैं। उन्होंने अपने चुनाव को यूपी में एनडीए और ‘इंडिया’ गठबंधन के बीच ध्रुवीकृत हुई राजनीति को एक तीसरा कोण बनाने का भी चुनाव बना दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य चुनाव लड़ने के साथ-साथ यूपी में छिटके पड़े छोटे दलों को अपने साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं। कुशीनगर में सभी मान रहे हैं कि उन्होंने मजबूती से चुनाव लड़ा है और वे भाजपा व सपा दोनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।