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कुशीनगर

कुशीनगर में 141 साल बाद श्रीलंका से आ रहा भगवान बुद्ध का धातु अवशेष

– इस धातु अवशेष को लेकर सात गणराज्यों में होने वाला था युद्ध – धातु अवशेष कुशीनगर में स्थापित होगा या श्रीलंका लौट जाएगा, तय नहीं- 20 अक्टूबर को ही पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन

कुशीनगरOct 19, 2021 / 01:48 pm

Sanjay Kumar Srivastava

कुशीनगर में 141 साल बाद श्रीलंका से आ रहा भगवान बुद्ध का धातु अवशेष

कुशीनगर में 141 साल बाद श्रीलंका से आ रहा भगवान बुद्ध का धातु अवशेष

कुशीनगर. एक लम्बे इंतजार के बाद भगवान बुद्ध का धातु अवशेष (अस्थि अवशेष) 141 वर्ष बाद 20 अक्टूबर बुधवार को श्रीलंका से कुशीनगर लाया जाएगा। इस धातु अवशेष को श्रीलंका से बौद्ध भिक्षु अपने साथ लेकर आएंगे। पहले इसे कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रखा जाएगा, इसके बाद बुद्ध के महापरिनिर्वाण मंदिर लाया जाएगा, जहां विशेष पूजा की जाएगी। इस पूजा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। 20 अक्टूबर को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे।
केंद्रीय संयुक्त सचिव अमिता प्रसाद साराभाई ने बताया कि, कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन कार्यक्रम में श्रीलंका से आ रहे बौद्ध भिक्षु व डेलीगेट्स अपने साथ भगवान बुद्ध के धातु अवशेष का एक हिस्सा कुशीनगर लाएंगे। यह अवशेष सन 1880 में भारत से ही श्रीलंका गया था। इसे एयरपोर्ट पर स्थापित करने की संभावना है। पर यह अभी तय नहीं है, इस पर मंथन चल रहा है।
बौद्ध धर्म में विशेष महत्व :- धातु अवशेष का बौद्ध धर्म में विशेष महत्व है। मूर्ति पूजा से पहले इसी की पूजा की जाती थी। जहां पर इसे रखा जाता है, उसे धार्मिक दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है। सम्राट अशोक ने 80 हजार से अधिक स्तूप बनवाए थे, सभी में अवशेष रखे गए थे।
धातु (अस्थि) अवशेष को सात हिस्सों में बांटा :- इतिहासकारों के अनुसार भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद कुशीनगर में धातु अवशेष के बंटवारे को लेकर युद्ध की स्थिति आ गई थी। तब बुद्ध के शिष्य द्रोण ने शांति, अहिसा की बात कहते हुए धातु (अस्थि) अवशेष को सात हिस्सों में बांटा था। बाद में इन हिस्सों को दुनिया के अन्य स्थानों पर भी ले जाया गया।
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कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का मोदी करेंगे उद्घाटन :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अक्टूबर को ही कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का निर्माण 260 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से किया गया है। यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों को भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल पर जाने की सुविधा प्रदान करेगा। यह हवाई अड्डा विश्वभर के बौद्ध तीर्थस्थलों को जोड़ने का एक प्रयास है। यह उत्तर प्रदेश और बिहार के आस-पास के जिलों को हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान करेगा। हवाईअड्डे का निर्माण इस क्षेत्र में निवेश और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।
महापरिनिर्वाण मंदिर में अभिधम्म दिवस :- प्रधानमंत्री महापरिनिर्वाण मंदिर जाएंगे, शयन मुद्रा में भगवानबुद्ध की मूर्ति की अर्चना करेंगे तथा चीवर अर्पित करेंगे और बोधि वृक्ष का पौधा भी लगाएंगे। प्रधानमंत्री अभिधम्म दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। यह दिन बौद्ध भिक्षुओं के लिए तीन महीने के वर्षा प्रस्थान-वर्षावास या वासा के अंत का प्रतीक है। इस दौरान वे विहार और मठ में एक स्थान पर रहते हैं और प्रार्थना करते हैं। इस कार्यक्रम में श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, दक्षिण कोरिया, नेपाल, भूटान और कंबोडिया के गणमान्य भिक्षुओं के साथ-साथ विभिन्न देशों के राजदूत भी शामिल होंगे। प्रधानमंत्री गुजरात के वडनगर और अन्य स्थलों की खुदाई से प्राप्त अजंता भित्ति चित्र, बौद्ध सूत्र हस्तलिपि और बौद्ध कलाकृतियों की प्रदर्शनी को भी देखेंगे।
विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास :- प्रधानमंत्री कुशीनगर स्थित बरवा जंगल के एक सार्वजनिक समारोह में हिस्सा लेंगे। इस समारोह में वे 280 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से निर्माण किये जाने वाले राजकीय मेडिकल कॉलेज, कुशीनगर की आधारशिला रखेंगे। मेडिकल कॉलेज में 500 बेड का अस्पताल होगा और यह शैक्षणिक सत्र 2022-2023 में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए 100 छात्रों का नामांकन करेगा। प्रधानमंत्री 180 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाले 12 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे।

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