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कुचामन शहर

भेड़-बकरियों में मौसमी बीमारियों का प्रकोप

पशु चिकित्सालयों में बड़ी संख्या में पशुओं को लेकर आ रहे पशुपालक

कुचामन शहरNov 25, 2018 / 04:49 pm

Kamlesh Kumar Meena

Goats

Goats

कुचामनसिटी. क्षेत्र में भेड़-बकरियों में मौसमी बीमारियों का प्रकोप देखा जा रहा है। हालांकि पशुपालन विभाग ने बीमारियों से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम कर रखे हैं, जिससे पशुओं के स्वास्थ्य पर विपरीत असर नहीं पड़ पा रहा है। जानकारी के अनुसार नवम्बर से फरवरी माह के बीच भेड़-बकरियों में पीपीआर का प्रकोप बढ़ जाता है। इससे भेड़-बकरियों में तेज बुखार, नाक-आंख से पानी गिरना, श्वास में दुर्गंध, निमोनिया, दस्त जैसी बीमारियां ेके लक्षण दिखने लग जाते हैं। यदि समय पर उपचार नहीं करवाया जाए तो पशु का स्वास्थ्य बिल्कुल खराब हो जाता है। पशुपालन विभाग के चिकित्सकों के अनुसार भेड़-बकरियों में बीमारियों का कारण मौसम में बदलाव होता है। नवम्बर माह में इन बीमारियों से पीडि़त भेड़-बकरियों को अस्पताल में पहुंचना शुरू हो जाता है, ये सिलसिला फरवरी माह तक चलता है। विभाग के चिकित्सकों ने बताया कि मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए पशु चिकित्सालयों में सभी आवश्यक दवाइयां व टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध है। पशुपालक चिकित्सालय में आकर सरकार की नि:शुल्क दवा योजना समेत अन्य का लाभ उठा सकता है। गौरतलब है कि कुचामन पशु चिकित्सालय में नवम्बर माह में मौसमी बीमारियों से पीडि़त भेड़-बकरियों की संख्या यकायक बढ़ गई है। १७ नवम्बर को एक दिन में भी आउटडोर में 55 पशु उपचार के लिए चिकित्सालय पहुंचे। इसी तरह 13 नवम्बर को 28 पशु उपचार के लिए पहुंचे। पशुपालन विभाग की ओर से भेड़-बकरियों का उपचार का शुल्क बहुत ही कम दर पर लिया जाता है। दस बकरियों के उपचार के के लिए सिर्फ दो रुपए का शुल्क लिया जाता है। पशुपालक चिकित्सालय में पहुंचकर अपने पशु का उपचार करवा सकते हैं। पशुपालक को भी सावधान रहकर दिवाली से पहले टीेके लगवाने चाहिए। यदि कोई हॉस्टिपल में आकर भी पशुओं में बीमारी की जानकारी देता है तो उसके घर जाकर भी विभाग की टीम पहुंचकर पशु का उपचार कर देती है।
इनका कहना है
वर्तमान में भेड़-बकरियों में मौसमी बीमारियों का प्रकोप देखा जा रहा है। हालांकि इसके लिए चिकित्सालय में पूरी उपचार की सुविधा है। पशुपालक चिकित्सालय में आकर अपने पशु का उपचार करवा सकते हैं। इसके अलावा पशु का टीकाकरण भी करवाया जा सकता है।
– डॉ. रमाकांत सोनी, पशु चिकित्सक, पशु चिकित्सालय कुचामनसिटी

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