डेढ़ सौ बेड में क्रमोन्नत होने के बाद चिकित्सालय में 13 चिकित्सक बढऩे चाहिए, लेकिन महज सभी पद खाली चल रहे हैं। सुविधाओं का विस्तार होने के साथ ही चिकित्सकों की नियुक्ति व नर्सिंग स्टाफ की संख्या में भी बढ़ोतरी हो सकेगी। अब बजट मिलने के बाद चिकित्सा सुविधाओं में भी सीआर्म मशीन सहित अन्य शल्य चिकित्सा की मशीनें भी लग सकेगी। ऐसे में कान, नाक व हड्डी के ऑपरेशन भी यहां शुरू हो सकेंगे। यह मशीनें लगने के बाद मरीजों को राहत मिल सकती है।
सरकार से बजट की स्वीकृति मिलने के बाद अब कुल 6 नए वार्ड, 1 ड्रग स्टोर, चिकित्सकीय उपकरणों के लिए कक्ष, दवा स्टोर के लिए 1 कक्ष, चिकित्सकों के लिए 8 चेम्बर, लेबर रुम व आपातकालीन वार्ड का विस्तार व नवीनीकरण सहित अन्य कार्य भवन विस्तार के लिए कराए जाएंगे। यह सभी कार्य गत वर्ष ही पूरे जाने थे लेकिन वित्तीय स्वीकृति के अभाव में अटके पड़े थे।
कुचामन में आईएसओ प्रमाणित डेढ सौ बेड का राजकीय चिकित्सालय है। शहर के दोनों ओर से मेगा हाइवे गुजर रहे हैं। शिक्षा नगरी के रुप से विकसित हो रहे इस शहर की आबादी भी छात्र संख्या सहित करीब एक लाख के करीब है। लेकिन चिकित्सालय में मरीजों को खून के अभाव में रैफर ही करना पड़ता है। ऐसे में कई मरीज जयपुर-अजमेर तक जिंदा बच जाते हैं और कई रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। चिकित्सालय प्रशासन ने भी सरकार को कई बार ब्लड बैंक खुलवाने की मांग भिजवा दी।
यहां चिकित्सालय में किशनगढ ब्लड बैंक से मंगवा कर चार रक्त गु्रपों की एक-एक यूनिट रखी जाती है, जो आवश्यकता पडऩे पर दुर्घटनाग्रस्त गंभीर को चढ़ाया जाता है। इसके अलावा रक्त की आवश्यक होने पर तत्काल या तो मरीज को रैफर किया जाता है या फिर किशनगढ़ से रक्त मंगाया जाता है। ऐसी परिस्थिति में मरीज की मौत होने की संभावनाएं अधिक रहती है।
चिकित्सालय की सुविधाओं को लेकर मैं कई दिनों से चिकित्सा मंत्री कालीचरण सर्राफ और अधिकारियों के सम्पर्क में था। अब स्वीकृति मिलने से क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी।
– विजयसिंह चौधरी, विधायक, नावां