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कोटा

प्रत्याशी तक मनाने पहुंचे लेकिन नहीं मानी महिलाएं, ‘शराबबंदी नहीं तो वोट नहीं’

शराब की दुकान हटाने को लेकर किया मतदान बहिष्कार
 

कोटाApr 30, 2019 / 10:18 am

Rajesh Tripathi

kota news

प्रत्याशी मनाने पहुंचे लेकिन नहीं मानी महिलाएं, ‘शराबबंदी नहीं तो वोट नहीं’

कोटा. संतोषी नगर चौराहे पर अंग्रेजी शराब की दुकान हटाने की मांग को लेकर 11 दिन से धरने पर बैठी स्थानीय महिलाओं ने सोमवार को लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार किया। महिलाओं ने ऐलान किया था कि जब तक प्रशासन आकर बात नहीं करेगा, तब तक वोट नहीं डालेंगे, लेकिन शाम तक प्रशासन की ओर से वार्ता के लिए कोई नहीं आया। इस कारण आंदोलन करने वाली महिलाओं ने वोट नहीं डाले। इसी तरह सुल्तानपुर के गांव सांगाहेड़ी व नरसिंहपुरा के ग्रामीणों ने भी मूलभूत सुविधाओं व सड़क निर्माण की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया। हालांकि नरसिंहपुरा के ग्रामीण प्रशासन की समझाइश के बाद मान गए और ग्रामीणों ने मतदान किया।
फिर भी नहीं मानी महिलाएं

मतदान का समय खत्म होने से पहले कांग्रेस प्रत्याशी रामनारायण मीणा व प्रदेश सचिव हुकुम जैन काका संतोषी नगर धरना स्थल पहुंचे। उन्होंने महिलाओं से समझाइश की, लेकिन वह नहीं मानी और किसी ने मतदान नहीं किया।
यहां सरकारी कर्मचारी बताकर वोट नहीं डालने दिया

कोटा. रामगंजमंडी विधानसभा 192 के भाग संख्या 8 के मतदान केन्द्र 530 पर एक मतदाता को वोट देने से इसलिए वंचित रहना पड़ा कि मतदाता सूची में उसके नाम के आगे पीबी (पोस्टल बैलेट) लिखा हुआ था, जबकि मतदाता सरकारी कर्मचारी नहीं है न ही मतदान में ड्यूटी लगी हुई है।
रंगबाड़ी निवासी मतदाता प्राइवेट कम्पनी में मार्केटिंग का काम करने वाले राजेश कुमार ने बताया कि वह 12 बजे मतदान केन्द्र पर पहुंचा तो वहां तैनात कर्मचारी व पीआरओ ने बताया कि मतदाता सूची में आप के नाम के आगे पीबी लिखा हुआ है। वोट नहीं डाल सकते, आप सरकारी कर्मचारी हैं। सरकारी कर्मचारी बताने पर मुझे भी आश्चर्य हुआ। इसकी शिकायत सहायक निर्वाचन अधिकारी एवं उपखण्ड अधिकारी रामगंजमंडी चिमनलाल मीणा से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा की आपके नाम के आगे पीबी लिखा हुआ है, मतदान नहीं कर सकते। मैंने उनसे कहा न तो मैं सरकारी कर्मचारी हूं न ही मेरी ड्यूटी चुनाव कार्य में लगी हुई है। एडीएम सिटी से बाद करने के बाद भी मुझे मतदान नहीं करने दिया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पर्यवेक्षक चुनाव आयोग को भी लिखित में शिकायत देकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाकर कार्रवाई की मांग की है।

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