बैराज से केशवरायपाटन तक हो सकती है विकसित कोटा बैराज से केशवरायपाटन तक चम्बल नदी को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है। नयापुरा पुलिया से आगे नदी के बीच टापू बना हुआ है। जहां पेड़-पौधे लगे हुए हैं। नदी के दोनों तरफ गहरी कराइयां है और टेल के टीले हैं। इन्हें प्राकृतिक रूप से विकसित किया जा सकता है।–एक्सपर्ट व्यू…स्कैन फोटो..चम्बल के टाउन स्ट्रीम को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की विपुल संभावनाएं है। सीमित संसाधनों में बेहतरीन रूप से विकसित किया जा सकता है। नदी के दोनों तरफ प्राकृतिक सौदर्य की अकूत सम्पदा है। लेकिन इससे पहले डाउन स्ट्रीम के शुद्धीकरण पर फोकस करने की जरूरत है। आज स्थिति यह है कि आप डाउन स्ट्रीम में दुर्गंध के कारण खड़े रह नहीं सकते हैं। इसलिए शासन और प्रशासन को सबसे पहले चम्बल नदी में गिरने वाले गंदे नालों को रोकना होगा। साथ ही नदी की सफाई करवाने की भी जरूरत है। सघन पौधारोपण किया जाए। साथ ही हैरिटेज सम्पदा को संरक्षित किया जाए। चम्बल के दोनों तरफ एक-डेढ़ किलोमीटर को विकसित किया जा सकता है। कोटा बैराज से केशवरायपाटन तक चम्बल फ्रंट रिवर प्लान तैयार किया जा सकता है।
इंटैक की ओर से चम्बल नदी का डाक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है, जो इसी साल पूरा कर लिया जाएगा। चम्बल नदी राजस्थान के जिन क्षेत्रों से गुज रही है, उसका कम्पलीट डाक्यूमेंट तैयार होगा। निखिलेश सेठी कनवीनर, इंटैक कोटा चैप्टर