07 नवंबर गाड़ी संख्या-59812, हल्दीघाटी पैसेंजर रूट: कोटा-सवाईमाधोपुर, आगरा फोर्ट रूट पर चलने वाली हल्दीघाटी पैसेंजर रात 8.50 बजे कोटा रेलवे स्टेशन से रवाना होती है। ट्रेन की सीटी बजते ही ट्रेन स्टेशन से रवाना होती है। स्टेशन निकलते ही घनघोर अंधेरा हो जाता है। और उसके बाद शुरू होता है, यात्रियों का असुरक्षित सफर। इस ट्रेन में हमने सफर किया तो सबसे बड़ी परेशानी सुरक्षा को लेकर थी। कोटा से सवाईमाधोपुर तक एक बार भी न तो आरपीएफ की गश्त टीम आई और न ही टिकट चैकिंग स्टाफ। कुछ डिब्बों में लाइटें नहीं जल रही थी, तो कई जगह टे्रन के डिब्बों में सीटें फटेहाल थी। रात को 11 बजे ट्रेन सवाई माधोपुर पहुंची, उसके पहले कई बार घनघोर अंधेरे में खड़ी रही। सवाईमाधोपुर तक रोज अपडाउन करने वाले यात्रियों का कहना था कि ट्रेन में महीने में बमुश्किल से एक या दो बाद चेकिंग स्टाफ आता है। रात के समय पानी की कोई व्यवस्था नहीं रहती। यात्री घंटों पानी के लिए बोतल हाथ में लिए ट्रेन के गेट से नलों को ढूंढने का प्रयास करते हैं। जिन लोगों के साथ महिलाएं व बच्चे होते हैं वह डरे व सहमे से रहते हैं। रात में ट्रेन का सफर होता है तो कई समाजकंटक शराब के नशे में रहते हैं।