145 किलोमीटर की गति से किया परीक्षण
145 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से किए गए इस ट्रायल में ट्रेन ने दो फेरे लगाए। यह कोटा रेल मंडल में मेट्रो ट्रेन का सबसे तेज रफ्तार से किया गया ट्रायल है। इस दौरान वंदे भारत मेट्रो ट्रेन का परीक्षण विभिन्न तकनीकी मानकों के विश्लेषण के लिए किया गया। इसके अलावा वंदे भारत का 180 की रफ्तार से ट्रायल किया जा चुका है।
यात्री के बराबर वजन रख किया परीक्षण
परीक्षण के दौरान सभी कोचों में समान रूप से यात्रियों के भार के वजन के बराबर 24.7 टन वजन रखकर ट्रेन का लोडेड स्थिति में परीक्षण किया गया। ट्रायल के दौरान करीब 50 किलोमीटर तक गाड़ी को 145 किमी प्रति घंटा पर दौड़ाया गया।
15 दिन चलेगा ट्रायल
वंदे भारत मेट्रो रैक में रविवार को इंस्ट्रूमेंटेशन कार्य किया जाएगा। आगामी करीब 15 दिन इस रैक का स्पीड, ब्रेकिंग सिस्टम का परीक्षण किया जाएगा। इस रैक का ट्रायल आरडीएसओ के निर्देशक परीक्षण बीएम सिद्दकी के निर्देशन में किया जा रहा है। ट्रायल में कोटा के ट्रैफिक निरीक्षक अरविंद पाठक एवं लोको निरीक्षक आरएन मीना ने लखनऊ टीम के साथ को-आर्डिनेट किया। गौरतलब है कि इससे पहले कोटा रेल मंडल में ही वंदे भारत 18 और 20 कोच रैक का 180 किमी प्रति घंटा पर सफल ट्रायल किया गया था। कोटा में नवनिर्मित वंदे भारत मेट्रो ट्रेन का 145 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रायल किया गया। इस दौरान 15 दिन विभिन्न परििस्थतियों में ट्रेन का ट्रायल किया जाएगा। इसमें ट्रेन में वजन रखकर, इसे खाली चलाने और विभिन्न मौसमों के अनुसार ट्रायल किया जाना शामिल है।
- रोहित मालवीय, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक, कोटा