कलाकारों ने राग व आलापों के बीच संस्कति की मनभावन झांकी प्रस्तुत की। ढोल, मृदंग, नगाड़े, झांझर, मंजीरे की धुन के साथ सुर गूंजे तो लोग भाव-विभोर हो गए। कलाकारों ने गूजरी की भक्ति से नारायण जायो गूंथा मं… गूर्जर जाति को सितारो चमक्यो गूंथा मं….आज रात की बात बताऊं दुर्गा मइया कहगी रे….सुरों के बीच वर्तमान स्थितियों को भी कला के नजरिए से पेश किया गया। साथ ही भगवान देवनारायण की महिमा का गुणगान भी किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बयाना के पूर्व विधायक अतरसिंह भड़ाना ने की। उन्होंने भड़ाणा ने कहा कि हमारा अतीत अच्छा है और यदि संभल गए तो भविष्य भी अच्छा होगा। हमने बलिदान दिए, लेकिन इतिहास में जिक्र नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि समाज को आरक्षण मेहरबानी नहीं अधिकार है।
मंच पर पूर्व प्रधान मन्नालाल गुर्जर, राजस्थान गुर्जर विकास परिषद के प्रदेशाध्यक्ष राजकुमार गुर्जर चेची, पार्षद ओम गुंजल, विकास तंवर, दुर्गेश कुमारी गुर्जर, जिला परिषद सदस्य सुरेश गोचर, डॉ. बीएल गोचर, शिक्षाविद् सुरेश गौरीशंकर बैंसला समेत अन्य लोग मौजूद रहे।