हालांकि जिला प्रशासन को ईआरसीपी के अधिकारियों की ओर से मिली पूर्व सूचना के चलते पुख्ता इंतजाम और सुरक्षा के प्रबंध कर लिए गए थे। इसके तहत पहले ही बांध के भराव क्षेत्र के किनारे बसे गांव के निवासियों को कालीसिंध नदी के किनारे से पर्याप्त एवं सुरक्षित दूरी बनाए रखने को कहा गया था। इसके लिए लाउडस्पीकर पर गांवों में मुनादी भी करवाई गई है।
यातायात का भी डाइवर्जन किया
बांध के भरने से कोटा-इटावा मार्ग पर बड़ौद से ढीपरी कालीसिंध पानी रहने से यातायात अवरुद्ध है। ऐसे में यातायात को जालिमपुरा, दीगोद से भारतमाला रोड होते हुए लबान से माखीदा, गेंता होते हुए इटावा तक निकाला जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश से बारां जिले के मांगरोल से होकर यह जयपुर और आगरा, मथुरा, दिल्ली जाने का छोटा मार्ग है। नागदा के घाट डूबे
अंता कस्बे के पास नागदा नागेश्वर धाम के घाट पानी में डूब गए हैं। हालांकि यहां स्थित प्राचीन कुंड नवनेरा बांध के डूब क्षेत्र में आने की वजह से नवनेरा बांध अथॉरिटी ने पहले ही यहां कुंड का नवनिर्माण करवा दिया है। यह डूब क्षेत्र से ऊपर की ओर बनाया गया है।
पहले ही दिन डूबी बड़ौद पुलिया
स्टेट हाइवे 70 को जोड़ने वाली चम्बल ढीपरी पुलिया बांध के गेट बंद करते ही डूब गई है। यहां आवागमन शनिवार को ही बंद कर दिया था। पुलिस प्रशासन ने पुलिया का रास्ता बेरिकेट्स लगाकर बंद कर दिया है। सुरक्षा के लिए यहां पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
प्रशासन हाई अलर्ट पर
बांध में पानी की आवक बढ़ने के बाद प्रशासन ने डूब क्षेत्र में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि हल्का पटवारी एवं ग्राम विकास अधिकारियों की टीमों द्वारा डूब क्षेत्र में आने वाले गांवों की निगरानी रखी जा रही है।