मजदूरी दर का स्थायी समाधान नहीं हो सका इस मामले की किसान प्रतिनिधियों ने मंडी प्रशासन को शिकायत की तो मंडी प्रशासन ने भी सुना-अनसुना कर दिया। साथ ही शाम सात बजे किसान, व्यापारी, हम्माल प्रतिनिधियों की बैठक बुलाकर स्थायी समाधान करने का आश्वासन दिया। शाम सात बजे शुरू हुई बैठक देर रात तक जारी रही, लेकिन हम्मालों की मजदूरी दर का स्थायी समाधान नहीं हो सका। बैठक में
कोटा ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश राठी, महामंत्री महेंद्र कुमार जैन, संयुक्त सचिव महेश खंडेलवाल, हम्माल एसोसिएशन के अध्यक्ष बिशन गुर्जर, भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री जगदीश शर्मा, जिलाध्यक्ष प्रेमशंकर नागर आदि मौजूद थे।
मंडी प्रशासन नहीं बरत रहा सख्ती भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री जगदीश शर्मा ने आरोप लगाया कि जब कृषि विपणन विभाग ने ट्रॉली से ही गेहूं तुलवाने के आदेश जारी कर दिए हैं। प्रशासक ने भी आदेश की पालना के मंडी सचिव को सख्त निर्देश दे रखे हैं। इसके बावजूद भी मंडी सचिव राजनीतिक दबाव के चलते व्यापारियों के लाइसेंस निलम्बित नहीं कर रहा। जबकि व्यापारियों के लाइसेंस निलम्बित करने की संघ के पदाधिकारी मांग कर चुके हैं।
मजदूरी दर को लेकर रहा असमंजस भामाशाह मंडी में तुलाई करने वाले हम्मालों की मजदूरी को लेकर असमंजस बना हुआ है। कांटे पर गेहूं की तुलाई के बाद मजदूरी भार कम होने बावजूद भी हम्मालों को 4.55 रुपए प्रति नग की मजदूरी देना तय हुआ था। यह मजदूरी हम्माल कम बता रहे हैं। हम्मालों का कहना है कि हमें पूर्व की भांति ही मजदूरी दी जाए। भामाशाह मंडी कोटा के सचिव डॉ. आरपी कुमावत ने कहा कि हम्माल 10 रुपए प्रति नग तुलाई मजदूरी लेने की मांग कर रहे है। व्यापारी, किसान 6 रुपए प्रति नग देने को तैयार है। हाड़ौती की अन्य मंडियों से तुलाई दर की सूची मंगवाकर मजदूरी दर निर्धारित की जाएगी।