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इंटर ब्रांच स्टडी शुरू
प्रो. चारण ने बताया कि बीटेक के पहले साल में छात्रों को आधारभूत पाठ्यक्रम ही पढ़ाया जाता है, लेकिन इसके बाद उन्हें अपनी ब्रांच की पढ़ाई करनी पड़ती है। ऐसे में छात्र दूसरी ब्रांच के बारे में नहीं जान पाते, इसलिए इस बार प्रथम वर्ष में इंटर ब्रांच स्टडी की भी शुरुआत की गई है। इसमें छात्र अपनी इंजीनियरिंग ब्रांच के साथ जुड़ी दूसरी ब्रांच की भी पढ़ाई कर सकेंगे।
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अप्रेल में बदल जाएगा
उन्होंने बताया कि प्रथम वर्ष का पाठ्यक्रम ही बदला गया है। दूसरे, तीसरे और चौथे साल का पाठ्यक्रम अपग्रेड करने के लिए सभी इंजीनियरिंग कॉलेज के शिक्षकों, पूर्व छात्रों और औद्योगिक संगठनों से ऑनलाइन राय मांगी गई थी। इसके बाद सभी विषयों की बोर्ड ऑफ स्टडीज गठित कर दी गई है। जो मार्च 2018 तक नया पाठ्यक्रम तैयार कर सौंप देंगी। इसके बाद अप्रेल तक इसे एकेडमिक काउंसिल और बोर्ड ऑफ स्टडीज से पास कराकर नए शैक्षणिक सत्र से लागू कर दिया जाएगा।
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बीटेक का पूरा पाठ्यक्रम अंग्रेजी में है, जबकि विवि से सम्बद्ध महाविद्यालयों में आधे से ज्यादा छात्र हिंदी बैकग्राउंड से आते हैं। इसके चलते उन्हें शुरुआत से ही पढ़ाई में दिक्कत आने लगती है। इस समस्या को खत्म करने के लिए आरटीयू अब पहले सेमेस्टर से ही छात्रों की अंग्रेजी सुधारने पर जोर दे रहा है। कम्युनिकेशन स्किल सुधारने के साथ ही उन्हें पूरी अंग्रेजी ग्रामर भी पढ़ाई जाएगी। इसके बाद आत्मकथा, बिजनेस लेटर, जॉब एप्लीकेशन और रिपोर्ट राइटिंग भी सिखाई जाएगी। भाषा पर पकड़ बनाने के लिए छात्रों को शॉर्ट स्टोरीज और इंग्लिश पोइम भी पढ़ाई जाएंगी।
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फिजिक्स-कैमिस्ट्री का लोड कम
प्रो. चारण ने बताया कि पहले प्रथम वर्ष के दोनों सेमिस्टर में छात्रों को फिजिक्स और कैमिस्ट्री के चार प्रश्रपत्रों की पढ़ाई करनी पड़ती थी, लेकिन इस साल से आरटीयू ने इस पाठ्यक्रम को संक्षिप्त कर सिर्फ दो प्रश्रपत्रों तक समेट दिया है।