नगर निगम और मैरिज गार्डन संचालकों के बीच दो साल से अनुमति शुल्क को लेकर चल रहा विवाद अब खत्म हो जाएगा। क्योंकि निगम प्रशासन ने अब
जयपुर की तर्ज पर शहर के मैरिज गार्डनों से 10 रुपए प्रतिवर्ग प्रति वर्ष के हिसाब से अनुमति शुल्क करने का निर्णय है। राजस्व समिति की सोमवार को हुई बैठक में यह निर्णय किया गया है। उप महापौर सुनीता, आयुक्त डा. विक्रम जिंदल की मौजूदगी में हुई बैठक में जनता से जुड़े कई अहम निर्णय लिए हैं।
मैं जीना चाहती हूं मरना नहीं…, अब कौन करेगा इसकी मदद…? समिति के अध्यक्ष महेश गौतम लल्ली ने बताया कि मैरिज गार्डन के विकास शुल्क को लेकर हाल में राज्य सरकार की ओर से दिशा निर्देश आए थे, इसके आधार पर जयपुर की दर पर ही मैरिज गार्डनों का पंजीयन करने का निर्णय हुआ है। पहले यह दर 50 रुपए प्रति वर्ग गज निर्धारित की थी, जिसका मैरिज गार्डन संचालकों ने विरोध करते हुए राशि जमा करवाने से मना कर दिया था। सदस्य दिलीप पाठक ने कुन्हाड़ी क्षेत्र के एक मैरिज गार्डन के ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजरने से हादसा होने की आशंका जताते हुए कार्रवाई की मांग की।
लल्ली, देवेन्द्र चौधरी व अन्य सदस्यों ने भी कार्रवाई की मांग उठाई। आयुक्त ने निर्देश दिए कि मैजिर गार्डन संचालक को हाईटेंशन वाली जगह खाली छोडऩे के निर्देश दिए जाए, यदि पालना नहीं करता है तो मैरिज गार्डन सीज किया जाए। छतों पर लगे अवैध होर्डिंग्स को शुल्क लेकर नियमित करने का भी निर्णय हुआ है। इससे 100 रुपए प्रति वर्ग फीट की दर से शुल्क वसूल किया जाएगा। बैठक में उपायुक्त श्वेता फगेडिया, राजस्व अधिकारी रिंकल गुप्ता तथा समिति के सदस्य महेश गौतम सोनू, पारस कंवर, मीना प्रजापति आदि मौजूद थे।
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चम्बल गार्डन में प्रवेश शुल्क बढ़ा दिया था, जिसे वापस ले लिया गया है। अब सोमवार से शनिवार तक प्रवेश शुल्क 5 रुपए ही रहेगा। दस साल तक के बच्चों का प्रवेश निशुल्क रहेगा। रविवार को पूर्व की तरह शुल्क दो रुपए होगा।
Read More: कोटा के 3 बडे़ अस्पतालों ने उठाया भामाशाह योजना का गलत फायदा, NIACL ने किया Black Listed उम्मेदसिंह स्टेडियम की बाहर की जगह का किराया देने पर भी संशोधन किया गया। अब सामाजिक संस्थाओं को सामूहिक विवाह सम्मेलन व सामूहिक आयोजनों के लिए पहले की तरह 30 हजार रुपए प्रति दिन के हिसाब से तथा व्यक्तिगत कार्यक्रमों के आयोजन के लिए 1.30 लाख रुपए प्रति दिन का किराया तथा जीएसटी व सफाई शुल्क अलग से देय होगा।