अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में प्रतिदिन 8 बंडलों की बिजलीघर में खपत है। ये बंडल ट्रकों से हैदराबाद से मंगवाए जाते हैं। खर्च भी काफी लगता है। समय भी लगता है।
तीन हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
यह कार्य पूरा होने के बाद प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूपसे करीब तीन हजार लोगों को और रोजगार मिलेगा। साथ ही प्लांट का विकास भी होगा। इससे सीएसआर के तहत और भी ज्यादा राशि खर्च की जा सकेगी।
रावतभाटा परमाणु बिजली घर के स्थल निदेशक विजय कुमार जैन ने स्वयं इसकी पत्रिकाडॉटकॉम से बातचीत में पुष्टि की। उन्होंने बताया कि न्यूक्लीयर फ्यूल कॉम्प्लेक्स का सिविल कार्य अंतिम चरणों में है। स्थानीय स्तर पर पीएचडब्ल्यूआर के फ्यूल बंडल बनने में दो साल और लगेंगे। साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि बिजलीघर में बन रही सातवीं इकाई 2020 व आठवीं इकाई 2021 में शुरू हो जाएगी। इसके बाद बिजली घर की क्षमता लगभग दो गुनी हो जाएगी।