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Indian Railways: राजस्थान में इस रेलमार्ग का काम 25 साल बाद अंतिम चरण में, जुड़ेंगे राजस्थान और मध्यप्रदेश के 27 स्टेशन

Indian Railways: राजस्थान में रेलवे के महत्वाकांशी प्रोजेक्ट का काम अंतिम चरण में है। खास बात ये है कि इस रेल लाइन का काम करीब 25 साल बाद पूरा होने वाला है।

कोटाJan 14, 2025 / 02:32 pm

Anil Prajapat

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Indian Railways: महत्वाकांशी रामगंजमंडी-भोपाल रेलमार्ग का काम योजना शुरू होने ढाई दशक बाद भी मध्यप्रदेश में कछुए को लजाने वाली चाल से चल रहा है। वहीं, राजस्थान की ओर से इस रेलमार्ग का काम अंतिम चरण में चल रहा है। ऐसे में नयागांव तक काम व निरीक्षण पूरा होने के बाद ट्रेन का संचालन होने की तैयारी की जा रही है, वहीं नयागांव से आगे रेलमार्ग पर खिंलचीपुर तक काम पूरा हो चुका है।

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नयागांव से खिंलचीपुर सेक्शन का 20 फरवरी को मुम्बई के रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की ओर से निरीक्षण किया जाएगा। इसके साथ ही स्वीकृति मिलने पर रेलमार्ग पर खिंचलीपुर तक ट्रेन का संचालन किया जा सकेगा। परियोजना को वित्तीय वर्ष 2000-01 में स्वीकृति मिली। परियोजना में 276.5 किलोमीटर लंबी रेललाइन बिछाकर इसमें राजस्थान और मध्यप्रदेश को 27 स्टेशनों को आपस में जोड़ा जाना था।
इसके तहत राजस्थान में कोटा रेल मंडल को 101.5 किलोमीटर और मध्यप्रदेश के भोपाल रेल मंडल को 175 किमी रेलमार्ग का निर्माण करना था, लेकिन बाद में खिचलीपुर और ब्यावरा आउटर तक भी कार्य कोटा रेल मंडल को दे दिया गया।
ऐसे में अब कोटा रेल मंडल कुल 164 किलोमीटर तक काम देख रहा था। इसमें से 126 किलोमीटर खिलचीपुर तक काम पूरा कर लिया गया है। शेष करीब 38 किलोमीटर कार्य शेष है।

15 से लोको निरीक्षण ट्रेन का आवागमन होगा शुरू

नयागांव-खिंलचीपुर सेक्शन का कमीशनिंग के लिए मध्य क्षेत्र मुम्बई के रेल संरक्षा आयुक्त का निरीक्षण 20 फरवरी को निश्चित किया गया हैं। इसकी पूर्व तैयारियों के तहत 15 जनवरी से 20 फरवरी तक नई रेल लाइन घाटोली से खिंलचीपुर सेक्शन में मेटेरियल ट्रेन व लोको निरीक्षण ट्रेन का अवागमन चालू रहेगा।
rail line

मध्यप्रदेश से नौ गुना आगे राजस्थान

कोटा मंडल को खिचलीपुर से आगे ब्यावरा के आउटर तक रेललाइन बिछानी है। कोटा मंडल की ओर से यहां अब 38 किमी रेल लाइन बिछाकर इसका परीक्षण किया जाना है। जिसका काम चल रहा है। मध्यप्रदेश में भोपाल से रेलमार्ग का काम महज 14 किमी के करीब ही पूरा हुआ है। ऐसे में अभी भोपाल रेल मंडल की ओर से योजना का काम काफी शेष है।
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435 करोड़ रुपए बढ़ी निर्माण लागत

प्रोजेक्ट शुरू होने पर इसकी अनुमानित कीमत 2600 करोड़ रुपए थी, लेकिन प्रोजेक्ट में देरी और कुछ सुधार होने से योजना की लागत 435 करोड़ रुपए बढ़ चुकी है। अब योजना पर 3034.72 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

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24 मार्च 2024 को नयागांव के स्टेशन का काम पूरा

रामगंजमंडी भोपाल मार्ग नयगांव से खिचलीपुर तक सेक्शन का कमीशनिंग होनी है। सीएसआर इसका 20 फरवरी को निरीक्षण करेंगे। 15 जनवरी से खिंलचीपुर सेक्शन में मेटेरियल ट्रेन व लोको निरीक्षण ट्रेन का अवागमन चालू कर दिया जाएगा।
-सौरभ जैन, सीनियर डीसीएम, कोटा रेल मंडल

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