scriptभू-जल गिरावट वाले टॉप 3 राज्यों में आया राजस्थान, केंद्रीय भूमि जल बोर्ड की ताजा रिपोर्ट जानकार उड़ जाएंगे होश | Rajasthan is among the top 3 states with ground water depletion, according to the latest report of Central Ground Water Board | Patrika News
कोटा

भू-जल गिरावट वाले टॉप 3 राज्यों में आया राजस्थान, केंद्रीय भूमि जल बोर्ड की ताजा रिपोर्ट जानकार उड़ जाएंगे होश

रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के अधिकांश कुओं में भूजल स्तर में गिरावट दर्ज की गई है। पंजाब में महज 34.66 और हरियाणा में 44.54 प्रतिशत कुओं में ही भूजल स्तर में बढ़ोतरी हुई है।

कोटाDec 20, 2024 / 02:56 pm

Akshita Deora

आशीष जोशी
पिछले कुछ वर्षों में हुई अच्छी बारिश के बाद देश में भूजल स्तर में सुधार देखा गया है। इसके उलट राजस्थान में पाताल में पानी पैंदे बैठ रहा है। केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) की ताजा रिपोर्ट प्रदेश में भू-जल के अत्यधिक दोहन को लेकर अलार्म बजा रही है। देश में विश्लेषित किए गए कुओं में से 51.70 फीसदी कुओं में भूजल स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं राजस्थान में 66 प्रतिशत से ज्यादा कुओं में गिरावट आई है। चिंताजनक बात यह है कि इनमें से 21 प्रतिशत कुओं में जल स्तर चार मीटर से ज्यादा गिरा है। वहीं प्रदेश में महज 33.60 प्रतिशत कुओं में ही भूजल बढ़ा है। देश में भूजल स्तर में सबसे ज्यादा गिरावट अरुणाचल प्रदेश में दर्ज की गई है। वहां रेकॉर्ड 80.95 फीसदी कुओं में पानी उतरा है। वहीं आंध्रप्रदेश में 77.92 प्रतिशत कुओं में भूजल स्तर गिरा है। भूजल स्तर गिरावट में राजस्थान तीसरे पायदान पर आ गया है। वहीं राजधानी दिल्ली में 74.14, केरल 74.08 और तमिलनाडु में 72.63 फीसदी कुओं में जल स्तर ऊपर आया है।

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रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के अधिकांश कुओं में भूजल स्तर में गिरावट दर्ज की गई है। पंजाब में महज 34.66 और हरियाणा में 44.54 प्रतिशत कुओं में ही भूजल स्तर में बढ़ोतरी हुई है। वहीं गुजरात के 61 फीसदी कुओं में जल स्तर सुधरा है। मध्यप्रदेश में 51.42, उत्तर प्रदेश 51.98, छत्तीसगढ़ 55.78 और पश्चिमी बंगाल में 58.81 प्रतिशत कुओं में जल स्तर ऊपर आया है।
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सीजीडब्ल्यूबी ने ऐसे तैयार की रिपोर्ट


सीजीडब्ल्यूबी देशभर में हर साल चार बार भूजल की निगरानी करता है। भूजल में दीर्घकालिक उतार-चढ़ाव का आकलन करने के लिए नवम्बर 2023 के दौरान सीजीडब्ल्यूबी की ओर से एकत्रित किए गए जल स्तर के आंकड़ों की तुलना नवम्बर के जल स्तर के दस वर्षों (2013-2022) के दशकीय औसत से की गई है।

आंकड़ों में समझें प्रदेश के हाल


विश्लेषित किए गए कुओं की संख्या : 753
भूजल स्तर में वृद्धि वाले कुएं: 253
भूजल स्तर में गिरावट : 500
02 मीटर तक जल स्तर वृद्धि वाले कुएं : 146
04 मीटर तक वृद्धि : 69 कुओं में
04 मीटर से ज्यादा की वृद्धि : 38
02 मीटर तक गिरावट : 223 में
04 मीटर तक गिरा भूजल : 121 कुओं में
04 मीटर से ज्यादा गिरावट वाले कुएं : 156
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चिंताजनक : झुंझुनूं-फलौदी में पैंदे बैठ रहा पानी


वर्ष 2023 में मानसून के बाद किए गए सर्वे के मुताबिक झुंझुनूं में 91.3 फीसदी कुओं में जल स्तर 40 मीटर से भी नीचे मिला। वहीं फलौदी में 76.9, सीकर में 73.2, कोटपुतली-बहरोड़ में 71.4, नागौर में 70 और जयपुर में 61.5 प्रतिशत कुओं में पानी 40 मीटर से ज्यादा गहराई पर रिपोर्ट हुआ। इस दौरान प्रदेश के 1061 कुओं का विश्लेषण किया गया था।

एक्सपर्ट व्यू: वर्षा जल को सहेजकर जमीन में पहुंचाना होगा


राजस्थान के कई इलाकों में खेती का रकबा बढ़ रहा है। पानी की मांग लगातार बढ़ रही है, लेकिन उसके मुकाबले वर्षा जल को सहेजने के प्रयास नहीं हो रहे। नदियों पर एनिकट बने। व्यर्थ बहने वाले बारिश के पानी का संरक्षण हो। मकानों व कार्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे। जिससे पानी जमीन में पहुंच सके। तभी भू-जल स्तर बढ़ेगा। कृषि में भी पानी का समुचित उपयोग करना चाहिए। कम पानी वाली फसलों की पैदावार करने की आवश्यकता है।
-सुबोध मेहता, भूजल वैज्ञानिक, कोटा

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