योजना पर एक नजर
262 किमी लम्बी होगी पूरी रेललाइन 2700 करोड़ खर्च होंगे पूरी परियोजना पर
400 करोड़ से अधिक खर्च हो चुके अब तक
200 करोड़ से दोहरीकरण का कार्य भी बढ़ेगा
पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा से बीना के बीच दोहरीकरण को आगे बढ़ाने के लिए इस बार बजट में 100 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए 125 करोड़ रुपए आवंटित किए थे, जो मार्च तक खर्च हो जाएंगे। परियोजना का करीब 41 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। करीब 100 किलोमीटर तक पटरी बिछाई जा चुकी है। इस परियोजना में एक किमी रेलवे ट्रेक बनाने पर करीब 5 करोड़ रुपए खर्च होंगे। कुल 201 छोटे पुलों का निर्माण किया जाना है, इनमें से 160 पुलों को निर्माण पूरा हो गया है। करीब 30 मुख्य पुलों का निर्माण होगा, इनमें से 18 बड़े पुलों का निर्माण पूरा कर लिया गया है।
282.58 किमी लम्बा होगा दोहरीकरण कार्य 1485.85 करोड़ रुपए खर्च होंगे पूरी योजना पर
593.76 करोड़ खर्च हो चुके मार्च 2017 तक 113 करोड़ खर्च हुए चालू वित्तीय वर्ष में अब तक
पमरे जोन को क्या मिला
575 करोड़ 20 लाख नई लाइन परियोजना के लिए
610 करोड़ रेलपथ के नवीनीकरण के लिए 54 करोड़ 43 लाख पुल संबंधित कार्यों के लिए
97 करोड़ 68 लाख सिग्नल एवं दूर संचार कार्य 68 करोड़ 82 लाख यात्री सुविधाओं के लिए
45 करोड़ 35 लाख रोलिंग स्टॉक के लिए
सवाईमाधोपुर-जयपुर-रींगस रेलमार्ग पर विद्युतीकरण कार्य को आगे बढ़ाने के लिए 113 करोड़ 73 लाख रुपए का प्रावधान किया है। इस परियोजना के तहत कुल 188 किमी रेलमार्ग का विद्युतीकरण किया जाएगा। पूरी परियोजना पर करीब 163 करोड़ 72 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है। पिछले साल इस योजना के लिए 50 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। इस रेल लाइन का विद्युतीकरण होने के बाद कोटा से जयपुर ? जाने वाली और जयपुर से आने वाली ट्रेनों का सवाईमाधोपुर में इलेक्ट्रिक इंजन की जगह डीजल इंजन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे रफ्तार बढ़ेगी। इसके अलावा रतलाम-नीमच-चंदेरिया-कोटा रेलमार्ग पर करीब 343 किमी विद्युतीकरण योजना को आगे बढ़ाने के लिए 125 करोड़ 75 लाख रुपए का प्रावधन किया गया है। वहीं राजस्थान में बांदीकुई-भरतपुर रेलमार्ग के विद्युतीकरण के लिए 49 करोड़ 24 लाख रुपए का प्रावधान किया है। कुल 97 किमी विद्युतीकरण योजना पर 82 करोड़ 21 लाख 47 हजार रुपए खर्च होंगे।
ग्वालियर की दूरी कम करने के लिए 55 करोड़
ग्वालियर-शिवपुरी कलां रेललाइन का आमान परिवर्तन और कोटा तक विस्तार के लिए 55 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। यह पूरी रेल परियोजना 284 किमी लम्बी होगी। इस परियोजना के पूरा होने पर कोटा से ग्वालियर की दूरी कम हो जाएगी। पिछले बजट में इस परियोजना के लिए 175 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। योजना को पूरा करने के लिए 3712 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इसके अलावा धौलपुर-सरमुथरा-गंगापुरी सिटी रेलवे लाइन भी प्रस्तावित है, लेकिन इस बार पर्याप्त राशि का आवंटन नहीं किया गया है। इसका कार्य शुरू करने के लिए एक करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं।
कोटा मंडल के गंगापुर सिटी स्टेशन को दौसा से जोडऩे के लिए निर्माणाधीन रेल परियोजना के लिए इस बार बजट में 90 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इस परियोजना की लम्बाई 92.97 किमी है। इस योजना पर करीब 395 करोड़ से ज्यादा राशि खर्च होने का अनुमान है। चालू वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक 50 करोड़ राशि खर्च हो जाएगी। अजमेर-नसीराबाद-टोंक-चौथ का बरवाड़ा 165 किमी के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। अजमेर-कोटा वाया नसीराबाद-जलिन्द्री 145 किमी के लिए राशि नहीं मिली है,