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अनुमति के बिना उड़ाए लाखों कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने मंगलवार को शहर की बदहाल सफाई-व्यवस्था के सवाल पह यह चौंकाने वाला खुलासा किया। वे यहीं नहीं रुके, बोले कि निगम अधिकारी काम करना ही नहीं चहते। मैंने विधानसभा बजट सत्र में ही कोटा शहर की बिगड़ी सफाई-व्यवस्था का मुद्दा उठाया था, चेताया था कि मौसमी बीमारियां महामारी का रूप ले लेंगी। शर्म की बात कि आज लोग अकाल मौत का शिकार हो रहे। गौरतलब है कि पिछले साल तत्कालीन आयुक्त शिवप्रकाश एम. नकाते ने एसएलआरएम प्रोजेक्ट शुरू किया था। बिना सक्षम अनुमति के इस पर लाखों का बजट खर्च कर दिया। पार्षदों के सवाल उठाने के बाद यह ठण्डे बस्ते में चला गया। भुगतान भी अटक गया। बाद में निगम ने करीब 20 लाख रुपए का विभिन्न मंदों से भुगतान किया। प्रोजेक्ट में खरीदे गए संसाधन धूल खा रहे हैं।
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पत्रिका के सवाल, विधायक के जवाब पत्रिकाः शहर में डेंगू से हुई मौतों के लिए कौन जिम्मेदार ?
विधायक : निगम प्रशासन और सीएमएचओ।
पत्रिकाः जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई हुई ?
विधायक : सीएमएचओ को हटवाया।
पत्रिकाः शहर सड़ रहा है, क्या प्रयास किए ?
विधायक : विधानसभा में मसला उठाया, महापौर और आयुक्त से लगातार बात कर रहे हैं। सफाई तो निगम को ही करनी है।
पत्रिकाः सफाई के रुपए से तनख्वाह बांट दी, आप ने क्या किया ?
विधायक : महापौर के समक्ष कड़ी आपत्ति जताई। काम मेयर और आयुक्त को करना है। सफाई संसाधन खरीदने ही होंगे। मनमानी नहीं चलने देंगे।
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महापौर की सफाई कोटा दक्षिण विधायक के खुलासे पर पूरे शहर में हड़कंप मचा हुआ है। महापौर महेश विजय ने पत्रिका को सफाई देते हुए कहा कि न्यास से सफाई के संसाधन के लिए ही सांसद और विधायक ने दस करोड़ की राशि दिलाई थी। एलएलआरएम प्रोजेक्ट में आठ-दस लाख रुपए का भी भुगतान करना था। सफाई के लिए पांच जेसीबी, पांच ही डम्पर और अन्य संसाधन खरीदने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन शहर को साफ करने के लिए युद्ध स्तर पर नगर निगम कब तक अभियान चला पाएगा इसका उनके पास कोई जवाब नहीं था।