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कोटा

सरेंडर कराने के लिए पुलिस ने मांगे एक लाख, इसके बाद जो हुआ उसे देख खड़े हो गए सबके रोंगटे

अपराधियों को पकड़ने के बजाय पुलिस उन्हें सरेंडर कराने के लिए भी रिश्वत मांगने लगी है, लेकिन कोटा में पुलिस वालों को ये दांव उल्टा पड़ गया।

कोटाOct 29, 2017 / 10:11 am

​Vineet singh

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Police demanded bribe for surrendering of accused

आए दिन पुलिस से मिल रही धमकी से परेशान होकर एक युवक ने शनिवार को कीटनाशक पी कर आत्महत्या का प्रयास किया। उसे गंभीर हालत में झालावाड़ चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। कीटनाशक पीने वाले गोयन्दा निवासी रामकुमार मीणा ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि एक सितम्बर को उसका रिश्तेदार नानूराम छत से गिर गया था। नानूराम ने इस मामले में उसके व उसके परिवार के आठ जनों के खिलाफ प्राणघातक हमले का प्रकरण दर्ज कराया था।
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SI ने मांगे एक लाख

प्रकरण की जांच खैराबाद पुलिस चौकी के सहायक उप निरीक्षक कानसिंह को सौंपी गई थी। जांच अधिकारी ने जांच के बाद पांच जनों के नाम निकाल दिए। रामकुमार व उसके दो पुत्रों को आरोपित बनाया। रामकुमार प्रकरण में गिरफ्तारी देने पुलिस चौकी पहुंचा तो उसे गिरफ्तार नहीं कर सहायक पुलिस उप निरीक्षक ने उससे एक लाख रुपए मांगे। रुपए नही देने पर उसके दोनों पुत्रों की जिंदगी खराब कर देने की धमकी दी।

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जहर पीकर दी जान देने की कोशिश

रामकुमार के अनुसार उसके दोनों पुत्र नाबालिग हैं। इसके सबूत के तौर पर उसने स्कूल की टीसी जांच अधिकारी को सौंप दी। पुलिस ने स्कूल में जाकर जांच भी कर ली। इसके बावजूद उपनिरीक्षक उसे निरन्तर मोबाइल पर धमकी देने लगा। उसने पुलिस अधीक्षक ग्रामीण को शिकायत की। पुलिस अधीक्षक से पत्र खैराबाद में जांच अधिकारी के पास पहुंचा तो उसने फिर बुलाया और धमकाया। रवह बार-बार की धमकी से परेशान होकर शनिवार को उपाधीक्षक से मिलने रामगंजमंडी आया था। उपअधीक्षक नहीं मिले तो वृत्तनिरीक्षक मनोज सिंह सिकरवार ने पुलिस अधीक्षक के पास जाने को कहा। इसके बाद रामकुमार ने अपने खेत पर पहुंच कर कीटनाशक पी लिया। तबीयत बिगडऩे पर उसे दोनों पुत्र बाइक पर बिठाकर रामगंजमंडी चिकित्सालय लाए।
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बयान दर्ज करानेपर अड़े

सूचना पर गोयन्दा उपसरपंच हरिराज सिंह, पूर्व पालिकाध्यक्ष विजय गौतम, कृषि मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र राजा चिकित्सालय पहुंचे। रामकुमार के पुत्र ने उन्हें सारी बात बताई तो जनप्रतिनिधियों ने रामकुमार के बयान दर्ज करने की मांग मौके पर मौजूद थानाधिकारी सत्यनारायण शर्मा से की। काफी जद्दोजहद के बाद थानाधिकारी ने बयान दर्ज किए। बयानों में रामकुमार ने खैराबाद चौकी इंचार्ज कानसिंह से निरन्तर मिल रही धमकी व प्रकरण से उसके बच्चों के नाम निकालने की एवज में एक लाख रुपए मांगने से परेशान होकर कीटनाशक पीने की
बात कही।
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फंसते ही पुलिस देने लगी सफाई

एक सितम्बर को गोयन्दा में हुई घटना का प्रकरण दो सितम्बर को रामगंजमंडी पुलिस में दर्ज हुआ था। इसमें सात आरोपित बनाए गए थे। प्राणघातक हमले के इस मामले में 56 दिन गुजर जाने पर पुलिस ने किसी आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया। पुलिस वृत्त निरीक्षक मनोज सिंह सिकरवार ने बताया कि रामकुमार के खिलाफ 308 का प्रकरण दर्ज है। उसके चिकित्सालय में बयान हो चुके हैं। उधर एएसआई कानसिंह का कहना है कि उसने रामकुमार को नहीं धमकाया। बयान देने के लिए थाने में बुलाया था।

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