नवनेरा बैराज व इस परियोजना में अन्य बांध बनने के बाद प्रदेश में हाड़ौती सबसे अधिक सिंचित क्षेत्र वाला संभाग होगा। सिंचित क्षेत्र बढ़ने से कृषि उत्पादन में 25 से 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी होगी। साथ ही नए औद्योगिक कोरिडोर बन रहा है। लॉजिस्टक भी विकसित होंगे।
प्रधानमंत्री ने 1420 करोड़ रुपए की लागत से 8-लेन दिल्ली-वडोदरा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसव के मेज नदी-एसएच-37 ए जंक्शन (पैकेज 12) खण्ड का लोकार्पण करते हुए कहा कि यह पुल और एक्सप्रेस वे कोटा, बूंदी, टोंक और सवाई माधोपुर के किसानों की उन्नति का मार्ग खोलेगा।
आज का दिन ऐतिहासिक रहा है। प्रधानमंत्री ने प्रदेश को 46,400 करोड़ की विकास परियोजनाओं का उपहार दिया है। विशेषकर संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी समझौता राजस्थान, मप्र और केंद्र सरकार के बीच हुआ है, जो 21 जिलों में पेयजल और 2.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुनिश्चित करेगा।
हीरालाल नागर, ऊर्जा मंत्री प्रधानमंत्री ने पीकेसी- ईआरसीपी लिंक प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश को इस उपहार दिया है, जो 21 जिलों में पानी की कमी दूर कर खेतों में खुशहाली के द्वार खोल देगा। दिल्ली मुबई एक्सप्रेस वे के कोटा बूंदी खंड का लोकार्पण क्षेत्र में विकास की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
संदीप शर्मा, विधायक कोटा दक्षिण
हर घर नल से जल का हमारा सपना जल्द साकार होगा : बिरला
हर घर नल से जल का हमारा सपना जल्द साकार होगा। पीकेसी-ईआरसीपी परियोजना का लाभ हाड़ौती के किसानों को तो मिलेगा ही, कोटा और बून्दी के 800 से अधिक गांवों में नल से शुद्ध पेयजल आपूर्ति भी होगी। प्रधानमंत्री ने दिल्ली-मुबई एक्सप्रेस वे के पैकेज 12 का आज लोकार्पण किया है। दरा टनल का निर्माण भी अगले वर्ष समाप्त हो जाएगा। एक्सप्रेसवे के साथ बन रहा इकोनॉमिक कॉरिडोर का लाभ क्षेत्र में किसानों और उद्योगों को मिलेगा। सात साल में बनकर तैयार हुआ नवनेरा बैराज
नवनेरा बैराज व इस परियोजना की शुरुआत 13 अक्टूबर 2018 को हुई थी। नवनेरा बैराज के निर्माण 1069 करोड़ की राशि खर्च हो चुकी है। इस बांध व परियोजना से हाड़ौती के चारों जिलों को सीधा लाभ मिलेगा। हालांकि सिंचाई के लिए पानी मिलने में फिलहाल इंतजार करने पड़ेगा। बांध बनने से इटावा क्षेत्र में भूजल स्तर में सुधार होगा और इसमें कोटा जिले के 384 गांव और बूंदी जिले के 365 गांव में पेयजल की सुविधा मिलेगी।