यहां रह रहे लोगों के पास मकान के राशन कार्ड, भामाशाह कार्ड, परिचय पत्र, बैंक पासबुक, यूआईटी की सर्वे चालान रसीद सहित कई प्रमाण हैं। जिन्हें मकान अलॉट किए गए थे वह बेच कर चले गए। जबकी इन मकानों को बेचने का प्रावधान नहीं है। उन्होंने सर्वे कर प्रात्र परिवार को यहां मकान अलोट करने की मांग की है।
बाढ़ आने पर बसाया था इन परिवार को
हाड़ा ने बताया कि 10 वर्ष पूर्व कोटा में जब बाढ आई थी, उस समय इन 200 परिवारों को यहां बसाया गया था, तभी से ये परिवार यहां निवास कर रहे हैं। इन परिवारों ने मांग की है कि यहां कई मकान खाली पडे़ हैं, यहां एक-एक व्यक्ति के नाम तीन-तीन भूखण्ड है।
यूआईटी सर्वे करवाकर उन मकानों में पात्र लोगों को बसाया जाए, जो भी राशि बनेगी वह देने को तैयार हैं। पीडि़त परिवारों की समस्या सुनने के बाद यूआईटी चैयरमेन ने कहा कि समस्या के समाधान के लिीए उचित मार्ग निकालने का प्रयास किया जाएगा। इस दौरान नवीन खत्री, गोविंद नायक, राहुल खंडेलवाल, कमल दीक्षित, अभिषेक शर्मा, अनीसा बानो, रेशमा, आबिद अंसारी, रफीकमोहम्मद, सरदार पठान सहित कई लोग उपस्थित थे।