प्रमुखता से उठाई थी सुरक्षा की चिंता रेलवे में संरक्षा श्रेणियों में रिक्तियों के कारण रेल पथ अनुरक्षण में कमियां रहने से पिछले माह की रेल दुघर्टनाओं का कारण माना गया है। वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ की ओर से
कोटा में हुए संरक्षा सेमिनार में संरक्षा श्रेणी की रिक्तियों को भरने की मांग की गई एवं 16 सूत्री प्रस्ताव पारित किए गए। इस खबर को www.patrika.com/kota-news ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसे रेलवे बोर्ड ने गम्भीरता से लेते हुए खाली पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरु करने के आदेश रेलवे भर्ती बोर्ड को जारी कर दिए।
इन पदों पर होगी भर्ती जबलपुर में आयोजित स्थाई वार्ता
तंत्र की मीटिंग में संघ के प्रेसीडेंट डॉ.आर.पी. भटनागर को बोर्ड ने इस बाबत अधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि पश्चिम मध्य रेलवे के रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ के माध्यम से डी ग्रुप के 3352 पदों को शीघ्र भरने के आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें इंजीनियरिंग विभाग के 2014, यांत्रिक विभाग के 613, सिग्नल एण्ड टेलीकॉम के 206, यातायात विभाग के 457 एवं मेडिकल विभाग के तीन रिक्त पद भरे जाएंगे।
Read More:इन ट्रेनों में नहीं मिलेगा अब दीपावली वीक का रिजर्वेशन यह होगी शैक्षणिक योग्यता रेलवे मजदूर संघ के मंडल सचिव एसडी धाकड़ ने बताया कि ग्रुप डी भर्ती कर्मचारियों की शैक्षणिक योग्यता के मापदंडों में भी परिवर्तन किया गया है। इसमें शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास के साथ आईटीआई या एक्ट अप्रेन्टिस होना अनिवार्य है। यदि कोई अभ्यार्थी बी-टेक डिप्लोमा धारी है तो उसे भी आई.टीआई उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। शैक्षणिक योग्यता में परिवर्तन से उच्च शिक्षा प्राप्त अभ्यार्थियों की भर्ती पर रोक लग जाएगी। कर्मचारियों की भर्ती होने पर कार्यरत संरक्षा श्रेणी के कर्मचारियों पर कार्य का भार कम होगा। रेलवे मजदूर संघ की इस पहले से अब एक्ट अप्रेंटिस अभ्यर्थियों को नौकरी का मार्ग खुल गया है।
लंबित परिणाम भी जारी किए स्थायी वार्ता तंत्र के दौरान महाप्रबंधक गिरीश पिल्लई ने बताया कि रेलवे भर्ती बोर्ड की ओर से गार्ड एवं सहायक स्टेशन मास्टर के लम्बित परिणामों जारी हो गए हैं। इससे पश्चिम मध्य रेलवे में 918 गार्ड व 152 स्टेशन मास्टर तथा 57 यातायात प्रशिक्षुओं का पैनल प्राप्त हो सकेगा। बैठक में मुख्य कार्मिक अधिकारी गोपाल लाल मीना, मुख्य सामग्री प्रबंधक आर.एम.गुप्ता, प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर अवनेश कुमार एवं प्रमुख मुख्य संकेत एवं दूरसंचार इंजीनियर बी.एस. ताहिम भी मौजूद रहे।