कोटावासियों हो जाइए तैयार, आ रही जंगल की सरकार
यात्रियों को जाने की जल्दी। चालक को पहुंचने की जल्दी। रास्ते में न कोई चैकिंग करने वाला। चैकिंग न तो बस की स्पीड की और न ही चालक की। शराब के नशे में सड़कों पर अंधाधुंध दौड़ रही हैं निजी बसें। बसों की संख्या अधिक होने से आगे निकलने की होड़ दुर्घटना का प्रमुख कारण हैं। ओवरलोड, ओवर स्पीड, ओवरटेक, ओवर परमीट बसों को रोकने वाला यहां प्रशासनिक अमले में कोई नहीं है।
मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व: अब घने जंगल के बीच 25 km चंबल में सफारी का मिलेगा मौका, नजदीक से देखिए जंगल की खूबसूरती
कोटा जिले के करीब 25 चयनित मार्ग पर मनमर्जी से बसें चल रही हैं। इन बसों से प्रतिमाह 70 लाख रुपए का राजस्व राज्य सरकार को हो रहा है। सवाईमाधोपुर में सवारियों से ठसाठस भरी अनियंतित्र बस नदी में जा गिरी जिससे 33 लोगों की मौत हो गई। इस घटना के बाद बसों की स्थिति को जानने का पत्रिका टीम ने प्रयास किया।
डॉन की धमकी के बाद पुलिस सुरक्षा में आया गवाह, एसपी ने कहा-अंसार को कोई ने हाथ लगाया तो…जानिए पूरी बात
कोटा में मुख्य मार्ग
कोटा-खटकड़, कोटा-केशवराय पाटन, कोटा-इन्द्रगढ़, कोटा-सुल्तानपुर, कोटा-बिजोलिया, कोटा-तलवास, कोटा-खातौती, कोटा-मांगरोल, कोटा-इटावा, कोटा-मंडावरा, कोटा-अंता, कोटा-बांरा, कोटा-कस्बाथाना, कोटा-छीपाबड़ौद, कोटा-अटरू, कोटा-सांगोद, कोटा-कनवास, कोटा-खानपुर, कोटा-रेलगांव चौमा, कोटा-रावतभाटा, कोटा-रामगंजमंडी मुख्य मार्ग है। इसके अतिरिक्त भी कई मार्ग पर परमिट दिया हुआ है। जिला परिवहन विभाग द्वारा 130 नए रूट पर गाडिय़ां चलाने के लिए बस मालिकों से आवेदन मांगे जा रहे हैं।